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gopalganj news : शहर के चिराई घर के पास शवदाह गृह बनकर तैयार

gopalganj news : चार करोड़ की लागत से बना शवदाह गृह, अब उद्घाटन का इंतजारशवदाह गृह में एक विद्युत बेड के साथ लकड़ी से जलने वाले दो बेड बन कर तैयारदो दुकान व एक प्रतीक्षालय का भी हुआ निर्माण, बिजली से जलने वाले शव का मिलेगा अस्थी कलश

गोपालगंज. कोरोना काल में शव को जलाने के लिए शहर के लोगों को जो कष्ट उठाना पड़ा वह आपके सामने था. शव जलाने के लिए संपन्न लोग नारायणी नदी के तट पर जाते हैं.

बाकी लोग तुरकाहा गंडक नहर पुल के पास शव का अंत्येष्टी करने को मजबूर होते हैं. नहर के तट पर शव जलाने के कारण लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में शहर के चिराई घर के पास एक अत्याधुनिक शवदाह गृह चार करोड़ की राशि से बनाया गया है. शव दाह गृह में एक विद्युत बेड के साथ लकड़ी से जलने वाले दो बेड बनाये गये हैं, जो पूरी तरह से अत्याधुनिक है. चिराईघर के पास शवदाह गृह बनाया गया है. पोस्टमार्टम हाउस के पास दाह संस्कार में आने वाले लोगों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था की गयी है. दो दुकान बनाये गये हैं, जहां से कफन से लेकर अंतिम संस्कार की सभी सामग्री, लकड़ी, धूप आसानी से उपलब्ध होगी. वहीं विद्युत से संचालित बेड के लिए एक अलग से हैवी ट्रांसफॉर्मर लगाया जाना है. बिजली वाले शवदाहगृह से अस्थी कलश उसी दिन मिल जायेगा. इसके निर्माण हो जाने से लोगों को शवों के दाह संस्कार में आसानी होगी. साथ ही समय की बचत होगी. शहर को कई लाभ मिल सकते हैं. यह एक पर्यावरण के अनुकूल और किफायती विकल्प है, जो पारंपरिक शवदाह गृहों की तुलना में कम प्रदूषण और लागत के साथ अंतिम संस्कार होगा. बिजली शवदाह गृह एक आधुनिक, किफायती विकल्प है, जो शहर को कई लाभ प्रदान करेगा.

पहले भी बना था शवदाह गृह, स्मैकी उखाड़ ले गये चौखट-दरवाजा

चिराई घर के पास वर्ष 2008 में शवदाह गृह का निर्माण कराया गया, जिसके परिसर में एक सामुदायिक बैठका, तीन स्टॉल, बोरिंग व छह शौचालय का निर्माण किया गया. 2008 में यह शवदाह गृह सभी सुविधाओं से लैस होकर तैयार हो गया, उसका उद्घाटन भी मंत्री अश्विनी चौबे के हाथों कराया गया. उस शवदाह गृह में एक भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था. इससे पहले उचित देखरेख के अभाव में सोलर प्लेट, मोटर, चापाकल, ऊपर का चदरा आदि की चोरी कर ली गयी. स्मैकियों ने अपना अड्डा बना लिया था. अब नये शवदाह गृह से शहर के लोगों को कितना लाभ मिलेगा यह देखना होगा.

अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार कराना होगा आसान

अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को काफी दिक्कत हो रही थी. अब विद्यु़त शवदाह गृह बनने से अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार कराना आसान होगी. पुलिस को इसका सीधा लाभ होगी. अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार करने के लिए शताक्षी सिविल सर्विसेज के निदेशक नवीन श्रीवास्तव ने बताया कि इस शवदाह गृह के शुरू होने से बड़ी राहत होगी.

प्रभारी मंत्री से कराया जायेगा लोकार्पण : नप

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल धर दुबे ने बताया कि शवदाह गृह बनकर तैयार हो चुका है. उसका निरीक्षण खुद अपने एक्सपर्ट अधिकारियों के साथ जाकर कर चुका हूं. अब शीघ्र ही जिले के प्रभारी मंत्री कृष्ण नंदन पासवान के हाथों लोकार्पण कराने की तैयारी शुरू कर दी गयी है, जिससे शहर को सीधे लाभ मिलेगा.

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