गोपालगंज. भोरे क्षेत्रीय विकास मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को पटना के आशियाना व्यास नगर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में पटना में रह रहे एवं भोरे क्षेत्र से आये लोगों ने भाग लिया. इस अवसर पर सेवानिवृत्त अपर निदेशक, स्वास्थ्य डॉ एसएन द्विवेदी, बिहार विधान सभा के पूर्व उप सचिव वशिष्ठ तिवारी, सीताराम जी, गणेश साह सहित कई गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे. बैठक में वक्ताओं ने सरकार द्वारा भोरे क्षेत्र की दीर्घकालिक उपेक्षा और सौतेले व्यवहार पर गहरी चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा यह क्षेत्र राज्य और जिला प्रशासन की दृष्टि से विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ता गया है. वक्ताओं ने बताया कि आजादी के बाद भोरे प्रखंड का गठन हुआ और शुरुआती वर्षों में गांधी स्मारक उच्च विद्यालय, गवर्नमेंट गर्ल्स हाइस्कूल, डिग्री कॉलेज, रेफरल अस्पताल, सिंचाई विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय और कृषि फार्म जैसे संस्थानों की स्थापना हुई थी, लेकिन राजनीतिक उपेक्षा और अनदेखी के कारण आगे विकास की रफ्तार थम गयी. भोरे चार प्रखंडों – विजयीपुर, कटेया, पंचदेवरी और हथुआ का केंद्र बिंदु है, साथ ही यह एनएच-727बी और प्रस्तावित रेल परियोजनाओं के माध्यम से परिवहन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. स्थानीय व्यापार एवं बाजार की स्थिति भी सशक्त है. इसके बावजूद सरकार ने बार-बार के आश्वासनों के बावजूद भोरे को अनुमंडल का दर्जा नहीं दिया, जबकि जिले के प्रशासनिक मुख्यालय से सटे हथुआ को अनुमंडल बना दिया गया, जिसे स्थानीय जनता व्यावहारिक नहीं मानती. बैठक में भारी रोष व्यक्त करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें राज्य सरकार से अविलंब भोरे को अनुमंडल का दर्जा देने की मांग की गयी.
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