गोपालगंज. भोरे में श्मशान की जमीन की गलत तरीके से जमाबंदी करने के मामले में राजस्व कर्मचारी रहे महेश कुमार सिंह और अंचल निरीक्षक चंद्रशेखर गुप्ता के खिलाफ प्रपत्र ‘क’ का गठन करने का आदेश डीएम पवन कुमार सिन्हा ने हथुआ डीसीएलआर व भोरे सीओ को दिया है.
तत्कालीन सीओ पर भी जांच जारी
अभी जमांबदी करने वाले तत्कालीन सीओ पर भी जांच जारी है. राजस्व कर्मचारी व सीआइ की रिपोर्ट पर सीओ ने जमाबंदी कर दी थी. भोरे अंचल के इमलिया मौजा की सरकारी जमीन (खाता संख्या – 229, खेसरा संख्या – 140, रकबा – 19 कट्ठा 13 धुर), जो खतियान में गैर मजरूआ मालिक के रूप में दर्ज है, उसपर इलाके के लोग शव जलाने का काम करते हैं. उसकी भू- माफियाओं के द्वारा फ्रॉड कर जमाबंदी करा ली गयी थी. उसकी फर्जी जमाबंदी के मामले में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. अभी कार्रवाई के दायरे में सीओ रहे जितेंद्र कुमार सिंह भी है. प्रशासन की ओर से श्मशान की जमीन बेचने वाले-खरीदने वाले, जमाबंदी करने वालों पर नियमानुसार कांड भी पंजीकृत होना बाकी है.
प्रभात खबर ने किया था इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया
प्रभात खबर ने 18 अक्तूबर, 2024 के अंक में भू-माफियाओं ने बेच दी सरकारी जमीन, तत्कालीन सीओ ने कर दी जमाबंदी शीर्षक से समाचार को प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशित होने के बाद अपर समाहर्ता रहे आशीष कुमार सिन्हा की टीम ने 12 नवंबर, 2024 को स्थल पर पहुंचकर जांच की. सीओ अनुभव राय ने इसकी जांच कर प्रस्ताव अपर समाहर्ता के पास भेजा था.
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