गोपालगंज. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. उनके जन्मदिन समारोह के दौरान संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर का कथित अपमान करने का आरोप भारतीय जनता पार्टी ने लगाया है. इस मुद्दे को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने नोटिस भी जारी कर दिया है.
राज्यपाल से मिलेगा भाजपा का प्रतिनिधिमंडल
अब बीजेपी की योजना है कि राज्यपाल से मिलकर लालू प्रसाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की जाये. बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री जनक राम ने गोपालगंज में मीडिया से बात करते हुए लालू प्रसाद पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने जन्मदिन के मौके पर डॉ आंबेडकर की तस्वीर को अपने पैरों के पास रखवाकर न केवल संविधान का, बल्कि पूरे दलित समाज का घोर अपमान किया है. उन्होंने इस कृत्य को बेहद शर्मनाक और दलित विरोधी बताया.
युवाओं को गुमराह कर सामाजिक वर्गों में फूट डालना रही है रणनीति
जनक राम ने कहा, राजतंत्र समाप्त हो चुका है, लेकिन लालू प्रसाद लोकतंत्र में भी तानाशाही रवैया अपनाते हैं. युवाओं को गुमराह कर सामाजिक वर्गों में फूट डालना उनकी पुरानी रणनीति रही है, ताकि सत्ता की कुर्सी तक दोबारा पहुंचा जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि लालू प्रसाद पांच किलो की तलवार से केक काट सकते हैं, लेकिन संविधान निर्माता को एक फूल भी अर्पित करना उन्हें मंजूर नहीं. जनक राम ने एलान किया कि जल्द ही बिहार बीजेपी के सभी अनुसूचित जाति और जनजाति कोटे के मंत्री, सांसद, विधायक और एमएलसी उनके नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. इस प्रतिनिधिमंडल की ओर से लालू प्रसाद के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की जायेगी.
लालू प्रसाद को मांगनी चाहिए माफी
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आंबेडकर की तस्वीर का अपमान हुआ है, वह न केवल दलित समाज की भावना को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह पूरे देश के संविधान पर हमला है. मंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद को इस कृत्य के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए. अन्यथा बीजेपी और दलित समाज चुप नहीं बैठेगा. जनक राम के इस बयान से बिहार की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है.
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