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Gopalganj News : दीपऊ-पकड़ी बांध पर पहुंचे बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष, इंजीनियरों को किया अलर्ट

Gopalganj News : गोपालगंज. नेपाल में हो रही बारिश से गंडक नदी का जल स्तर घट-बढ़ रहा है. वाल्मीकिनगर बराज से पिछले 24 घंटे में 80 से 90 हजार क्यूसेक जल डिस्चार्ज हो रहा है.

गोपालगंज. नेपाल में हो रही बारिश से गंडक नदी का जल स्तर घट-बढ़ रहा है. वाल्मीकिनगर बराज से पिछले 24 घंटे में 80 से 90 हजार क्यूसेक जल डिस्चार्ज हो रहा है. नदी विशंभरपुर में खतरे के निशान से अभी 91 सेमी से 23 सेमी ऊपर बढ़ने के बाद भी 74 सेमी नीचे रही. उधर, पुरवा हवा नदी की धार को कटावी बना रही है.

नदी की धारा शिफ्ट होने से बढ़ी चिंता

मंगलवार को जल संसाधन विभाग के बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह की टीम ने बैकुंठपुर के दीपऊ-पकड़ी बांध के पास गंडक नदी के कटाव को देखा. पहले से चल रही बंबू पाइलिंग की जा रही थी. यहां इंजीनियरों को 24 घंटा अलर्ट रहकर बांध को बचाने का आदेश दिया. यहां नदी की धारा के शिफ्ट करने के कारण कटाव की स्थिति उत्पन्न हुई है. अब बांध को बचाने की पूरी तैयारी चल रही है. स्पॉट पर बालू को बोरा में भर कर स्टॉक करने का आदेश दिया गया है. नदी का मिजाज कब बिगड़ जाये, कहना मुश्किल है. इसको देखते हुए इंजीनियर हाइ अलर्ट मोड में हैं. हालांकि नदी का जल स्तर एक लाख से ऊपर पहुंचते ही कटाव के थम जाने की संभावना है. मंगलवार की शाम चार बजे 75 हजार क्यूसेक जल डुमरिया से पार कर रहा था. अभियंताओं ने बताया कि जिले के सभी तटबंध सुरक्षित हैं. कहीं कोई खतरा नहीं है.

बंबू पाइलिंग से नदी के कटाव रोकने की जंग जारी

विभाग के एक्सपर्ट का मानना है कि अभी बंबू पाइलिंग से ही नदी के कटाव को रोका जा सकता है. बंबू पाइलिंग एक कटावरोधी तकनीक है, जिसमें बांस का उपयोग करके नदी के किनारे या कटाव वाले क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान की जाती है. यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उपयोगी है, जहां नदी का कटाव होता है. बांस से ही पानी के बहाव को रोका जा सकेगा और मिट्टी के कटाव को कम किया जा सकेगा.

प्रशासन के अधिकारी भी आये अलर्ट मोड में

दीपऊ-पकडी में कटाव होने से दर्जनों गांव के लोगों में भय का माहौल है. छरकी व बांध के बीच में करीब दीपऊं गांव के 12-15 घर पर सीधा अटैक होने का खतरा है. बांध अभी सुरक्षित है. खोरमपुर, पडडिया, फतेहपुर, महारानी, घोघराहां, बांसघाट मंसुरिया, मान टेंगराहीं, बसंत छपरा आदि गांव के लोग सहमे हुए हैं. कटाव को देखते हुए इलाके के लोग भी सहमे हुए हैं. आसपास के लोग भी बांध को बचाने में सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं.

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