गोपालगंज. धान खरीद में गड़बड़झाला अब खुलकर सामने आने लगा है. किसानों के नाम पर धान खरीद में घोटाला सामने आने के बाद डीएम पवन कुमार सिन्हा एक्शन मोड में आ गये. डीएम ने डीसीओ को तत्काल प्रभाव से सात क्रय केंद्रों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है. ये वैसे क्रय केंद्र हैं, जिनके द्वारा पिछले वर्षों तक धान खरीद में धांधली करने के बाद राशि को भी नहीं लौटाया गया.
24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का आदेश
धान खरीद की समीक्षा करने के बाद डीएम ने डीसीओ अमित कुमार को तत्काल प्राथमिकी दर्ज करा कर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. डीएम ने कहा कि पिछले वर्ष तक के डिफॉल्टर क्रय केंद्रों को ब्लैक लिस्टेड करें. इस वर्ष के वैसे क्रय क्रय केंद्रों का डाटा तैयार करें, जो अब तक चावल की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. राइस मिलों की भूमिका व धान क्रय केंद्रों की भूमिका पर रिपोर्ट तलब की है ताकि उनके विरुद्ध कार्रवाई हो सके.
एसएफसी ने 10 अगस्त कर का दिया मौका
जानकार सूत्रों ने बताया कि अब तक 55 क्रय केंद्रों के द्वारा अबतक चावल की आपूर्ति नहीं की जा सकी है. हालांकि एसएफसी की ओर से 10 अगस्त तक का अंतिम मौका दिया है. इस अवधि में चावल की आपूर्ति नहीं करने वाली पैक्स पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है.
ब्लैक लिस्टेड हो सकते हैं अध्यक्ष व कार्यकारिणी सदस्य
धान खरीद में डिफाॅल्टर घोषित होने के बाद पैक्स अध्यक्ष से लेकर कार्यकारिणी के सदस्य भी कार्रवाई के जद में आ गये हैं. बिहार सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1935 की धारा-41 एवं धारा 48 के तहत अवार्ड दायर किया जायेगा. डिबार घोषित होने के विभागीय तौर प्राथमिकी भी दर्ज कराने की तैयारी चल रही है. धान की खरीद में कार्यकारिणी सदस्यों की भूमिका नहीं होने के बाद भी कार्रवाई के जद में आ गये हैं.
बैंक को सता रहा 14 करोड़ की क्रेडिट राशि डूबने का खतरा
दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तरफ से एक लॉट यानी 290 क्विंटल धान को खरीदने के लिए 9 लाख 72684 रुपये का क्रेडिट पैक्स को दिया गया है. ऐसे में अब तक 110 लॉट चावल की आपूर्ति पैक्स की ओर से नहीं की गयी है, जिससे बैंक का 14 करोड़ की राशि पैक्स के पास फंसी हुई है.धान खरीद की प्रकिया को भी जरा समझें
किसानों से धान खरीद के प्रक्रिया को भी समझ लीजिए. किसान को धान बेचने के लिए सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना है. रजिस्ट्रर्ड किसान से धान का क्रय केंद्र करेंगे. धान को क्रय केंद्र राइस मिल को देंगे. राइस मिल चावल को तैयार कर एसएफसी को उपलब्ध करायेगा. एसएससी सीधे क्रय केंद्रों को चावल का पैसा उपलब्ध करायेगा. यहां कुछ अधिकारियों को मैनेज कर किसानों के नाम पर कागज पर ही धान खरीदा जाता है. कागजों की खानापूर्ति करने के बाद यूपी से सीधे चावल खराब क्वालिटी का मंगा कर एसएफसी को आपूर्ति कर दिया जाता है.गलत करने वालों पर कार्रवाई तय : डीसीओ
डीसीओ अमित कुमार ने कहा कि विभाग ने नियमानुकूल कार्रवाई शुरू कर दी है. डीएम सर का एफआइआर करने का आदेश है. इस वर्ष के वैसे क्रय केंद्र भी कार्रवाई के दायरे में हैं, जो अब तक चावल की आपूर्ति नहीं कर सके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है