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Gopalganj News : नेपाल में बारिश थमने से शांत पड़ी गंडक, खतरे के निशान से है एक मीटर नीचे

नेपाल में बारिश थमने के साथ ही गंडक नदी के जल स्तर में कमी आने लगी है. सुबह वाल्मीकिनगर बराज में नदी का डिस्चार्ज 86 हजार पर पहुंच गया था. जो शाम छह बजे घटकर 75500 क्यूसेक पर आ गया.

गोपालगंज. नेपाल में बारिश थमने के साथ ही गंडक नदी के जल स्तर में कमी आने लगी है. सुबह वाल्मीकिनगर बराज में नदी का डिस्चार्ज 86 हजार पर पहुंच गया था. जो शाम छह बजे घटकर 75500 क्यूसेक पर आ गया. देर रात से पानी का घटना भी शुरू हो गया. सावन में नदी शांत है.

कभी बिगड़ सकता है नदी का मिजाज

सावन में नदी के शांत होने का सबसे बड़ा कारण इस वर्ष माॅनसून की दगाबाजी को माना जा रहा है. नेपाल में होने वाली बारिश पर ही गंडक नदी का मिजाज तय होता है. बारिश नहीं होने से अभी नदी शांत है. यूं कहें कि नदी अपने पेट में बह रही है. 1.5 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज होने के बाद ही नदी व बांध के बीच रहने वाले 43 गांवों में पानी फैलता है. रजवाही के राजेश कुमार बताते है कि नदी शांत है. हालांकि कब उसका मिजाज बिगड़ जाये, कहना मुश्किल है. अभी कम पानी में कटाव का खतरा बना रहता है. जिसको लेकर प्रशासन से लेकर इंजीनियरों की टीम हाइअलर्ट मोड में है. कार्यपालक अभियंता साजिद इकबाल की टीम बांध की निगरानी में जुटी है. उधर, गंडक नदी का बढ़ा जल स्तर अहिरौली दान से लेकर बिसुनपुर तटबंध की निगरानी में अभियंताओं की टीम जुटी है. कार्यपालक अभियंता पवन कुमार सहायक अभियंता शमशेर आलम जेइ राकेश कुमार झा गोविंद कुमार गुप्ता आदि अलर्ट मोड़ में हैं और रात में भी निगरानी करते नजर आये.

डुमरिया के डाउन स्टीम में सिल्ट दे रहा टेंशन

डुमरिया में डाउन स्टीम में गाद (सिल्ट) के जमा होने के कारण नदी दीपऊ-पकड़ी से लेकर महारानी तटबंध पर टेंशन बढ़ा रही है. डीएम पवन कुमार सिन्हा, एडीएम आपदा शादुल हसन खान, एसडीओ अनिल कुमार ने बांध का निरीक्षण करने के बाद बड़ी नाव का इंतजाम करा कर नदी के गाद की सफाई का इंतजाम कराने का आदेश जलसंसाधन विभाग के इंजीनियरों को दिया. यहां पार्कुपाइन, हाथी पांव, जीओ बैग, बालू भरे बोरा को स्टाक कर के रखें. यहां जेनेरेटर का इंतजाम कर 24 घंटे निगरानी करने का आदेश दिया है.

पुरवा हवा बढ़ा रही कटाव का खतरा

गंडक नदी का सीधा अटैक विशुनपुर- अहिरौली बांध, पतहरा, दीपऊ- पकड़ी बांध पर है. तटबंध के किनारे रहने वाले लोगों को भय है कि छरकी व बांध के बीच में करीब दीपऊं गांव के 12-15 घर पर सीधा अटैक होने का खतरा है. बांध अभी सुरक्षित है. खोरमपुर, पडडिया, फतेहपुर , महारानी, घोघराहां, बांसघाट मंसुरिया, मान टेंगराहीं, बसंत छपरा आदि गांव के लोग सहमे हुए हैं. कटाव को देखते हुए इलाके के लोग भी सहमे हुए हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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