गोपालगंज. राजेंद्र नगर बस स्टैंड की सरकारी जमीन को खरीद कर उसका जमाबंदी करा लेने का मामला सामने आ चुका है. कुचायकोट अंचल के तिवारी मटिहनिया में गंडक नहर की जमीन की जमाबंदी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि यह ताजा मामला कुचायकोट अंचल के सलेहपुर का सामने आया है, जहां गैर मजरूआ मालिक जमीन को भू-माफियाओं ने बेच दिया और खरीद लिया गया.
माफियाओं के राडार पर सरकारी जमीन
हैरत की बात यह है कि 10 वर्षों के बाद सेटिंग कर उस जमीन की जमाबंदी भी करा ली गयी. सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री और जमाबंदी कराने में कुछ सरकारी अधिकारियों व भू-माफियाओं की बड़ी सेटिंग सामने आयी है. माफियाओं के राडार पर सरकारी जमीन है. जानकार सूत्रों ने बताया कि सलेहपुर के खाता संख्या 17, खेसरा संख्या 398 के रकबा 75 डिसमिल जमीन, जिसकी आज कीमत एक करोड़ से अधिक है, पर भू-माफियाओं ने अब कब्जा कर लिया है. अब दाखिल-खारिज की चर्चा गांवों में हो रही है. प्रभात खबर की टीम जब इसकी तह तक पहुंची तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आये.
महज तीन लाख रुपये में जमीन की हुई रजिस्ट्री
सलेहपुर के खाता संख्या 17, खेसरा संख्या 398 के रकबा 75 डिसमिल जमीन को 29 मार्च 2010 को महज तीन लाख रुपये में शेख अली हुसैन के पुत्र शेख मुस्तकीम व शेख शहाबुद्दीन ने अपने ही गांव के रहने वाले रमाशंकर प्रसाद के पुत्र ललन सिंह व राजेश सिंह के नाम रजिस्ट्री कर दी. रजिस्ट्री कार्यालय ने भी जमीन की प्रकृति पर ध्यान नहीं दिया. डीड सं. 4474 से रजिस्ट्री कराने के बाद सभी ने चुप्पी साध ली. माफिया अब अंचल में सेटिंग बैठाने में जुट गये. 10 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद उन्हें सफलता मिली.भू-माफियाओं के प्रभाव में कर्मचारी व सीआइ ने की रिपोर्ट
अंचल को अपने प्रभाव में लेने के बाद भू-माफियाओं ने खाता संख्या 17, खेसरा संख्या 398 के रकबा 75 डिसमिल जमीन की जमाबंदी कराने के लिए 25 नवंबर 2020 को आवेदन किया. 27 नवंबर 2020 को सीओ ने राजस्व कर्मचारी से रिपोर्ट मांगी. राजस्व कर्मचारी लक्ष्मीनारायण सिंह ने 10 दिसंबर 2020 को अपनी रिपोर्ट में लिखा कि प्रश्नगत वाद में प्रतिवेदित भूमि की जांच राजस्व अभिलेख से की गयी एवं सही पायी गयी. विक्रेता स्वयं जमाबंदी रैयत है. जमीन क्रेता के दखल कब्जे में शांतिपूर्वक है, उक्त भूमि पर हकियत वाद नहीं चल रहा है. भूमि भूदान, सैरात, भू-हदबंदी, गैरमजरूआ आम, खास तथा सार्वजनिक उपयोग से वंचित है. राजस्व हित में खारिज-दाखिल की अनुशंसा की जाती है. उसी दिन सीआइ श्रीनिवास प्रसाद ने भी अनुशंसा कर दी. सीओ ने कागज में ही आम व खास सूचना जारी कर दी. 27 मार्च 2021 को तत्कालीन सीओ उज्ज्वल कुमार चौबे ने दाखिल-खारिज कर दिया.फर्जीवाड़े की होगी जांच, दोषियों पर की जायेगी कार्रवाई : डीएम
डीएम पवन कुमार सिन्हा से कुचायकोट के सलेहपुर में सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि इसकी तत्काल जांच करायी जायेगी. जांच में यदि सत्य पाया गया, तो दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है