गोपालगंज. थावे मत्स्यजीवी सहयोग समिति में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद डीएम पवन कुमार सिन्हा के स्तर पर बड़ी कार्रवाई की गयी है. वहां थावे मत्स्यजीवी सहयोग समिति को भंग कर दिया, वहीं जिला मत्स्य पालन पदाधिकारी पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है.
फर्जीवाड़ा एवं सरकारी राशि के गबन संबंधी मामले पाये गये प्रमाणित
डीएम के कड़े एक्शन के बाद मत्स्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है. थावे प्रखंड मत्स्यजीवी समिति के मंत्री अशोक महतो द्वारा समिति के अभिलेखों में किये गये फर्जीवाड़ा एवं सरकारी राशि के गबन संबंधी मामले में प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये गये आरोप को देखते हुए थावे प्रखंड मत्स्यजीवी समिति की प्रबंध समिति को बिहार सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1935 की धारा 41(2) के तहत भंग किया जाता है. अगले पांच वर्षों की चार कालावधि के लिए किसी भी सहकारी समिति के बोर्ड में निर्वाचन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि वे समिति के अभिलेखों की अभिरक्षा के लिए प्रशासक नियुक्त करे.
एडीएम की जांच में मिला फर्जीवाड़ा
थावे प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति से संबंधित सभी पंजियों, अभिलेखों, कागजातएवं सभी पक्षकारों द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों से स्पष्ट हुआ कि मंत्री अशोक महतो द्वारा लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से समिति के कागजात, पंजी में छेड़छाड़ एवं कूटलेखन किया गया है. मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना वर्ष 2022-23 में एक ही परिवार के छह- छह सदस्यों को उन्नत इनपुट का लाभ दिलाया. वर्ष 2021-22 के ऑडिट की आपत्ति बिंदुओं का निराकरण नहीं किया जाना, समिति के वैध सदस्यों के स्थान पर मनमाने ढंग से प्रपत्र-01 में अन्य लोगों का नाम जोड़ना आदि कृत्य फर्जीवाड़ा को साबित करता है.
डीएम ने दिया राशि वसूलने का आदेश
प्रखंड मत्स्य पदाधिकारी, थावे को आदेश दिया जाता है कि थावे मत्स्यजीवी सहयोग समिति द्वारा किये गये फर्जीवाड़ा के संबंध में दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराना सुनिश्चित करें. साथ ही दंडात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव 15 (पंद्रह) दिनों के अंदर उपलब्ध करायेंगे एवं राशि की वसूली के लिए पीडीआर. एक्ट के तहत भी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.जिला मत्स्य पदाधिकारी पर लटकी कार्रवाई की तलवार
मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना वर्ष 2022-23 में उन्नत इनपुट का लाभ लाभुकों को प्राप्त होने से पूर्व जिला मत्स्य पदाधिकारी के स्तर से विधिवत जांच की कार्रवाई अपेक्षित थी, जो नहीं की गयी. इस प्रकार जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया गया है, जिससे इस प्रकार की अनियमितता हुई है. अपर समाहर्ता द्वारा प्रतिवेदित तथ्यों के आलोक में जिला मत्स्य पदाधिकारी से स्पष्टीकरण (ज्ञापांक 1088/सी. दिनांक 01 अप्रैल 2024) मांगा गया. अपर समाहर्ता द्वारा (पत्रांक 1810/रा. दिनांक 27 अप्रैल.2024) जिला मत्स्य पदाधिकारी से प्राप्त स्पष्टीकरण को अस्वीकार्य माना गया. जिला मत्स्य पदाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का आदेश जारी हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है