गोपालगंज. सावन शिवरात्रि का व्रत 23 जुलाई को है. क्योंकि सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी या 14वीं तिथि इसी दिन पड़ रही है. शिव की रात्रि यानी वह रात्रि, जो आनंद प्रदायिनी है और जिसका शिव के साथ खास संबंध है. इसे शिव पूजन के लिए महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. सावन महीने में पड़ने वाले शिवरात्रि का महत्व कई गुणा अधिक बढ़ जाता है.
रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और भगवान शिव की होती है पूजा-आराधना
ज्योतिषाचार्य पं राजेश्वरी मिश्र ने बताया कि सावन शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और भगवान शिव की पूजा-आराधना की जाती है. सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि का दिन इसलिए भी खास माना जाता है, पौराणिक मान्यता है कि इस दिन शिव-पर्वती के पुनर्मिलन हुआ था. इस दिन पूजा-पाठ और व्रत करना वैवाहिक जीवन के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. बता दें कि शिवरात्रि पर चारों प्रहर पूजा का महत्व है, लेकिन इस साल सावन शिवरात्रि पर भद्रा का साया भी रहने वाला है. इसलिए यह जान लीजिए कि शिवजी की पूजा का मुहूर्त क्या रहेगा और जलाभिषेक कितने बजे तक कर सकेंगे. वैसे 23 जुलाई को सुबह 5: 37 बजे से दोपहर 03:31 बजे तक भद्राकाल रहेगा. भद्रा के समय शुभ काम और पूजा-पाठ करना शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए भद्रा के समय जलाभिषेक न करें.
सावन शिवरात्रि जलाभिषेक का समय
सावन शिवरात्रि पर पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा. इसलिए आप ब्रह्म मुहूर्त में ही जलाभिषेक और पूजा कर लें. ब्रह्म मुहूर्त 23 जुलाई को सुबह 04:15 से 04:56 तक रहेगा.सावन शिवरात्रि के मुहूर्त को जानें
चतुर्दशी तिथि आरंभ- 23 जुलाई सुबह 04:39 बजेचतुर्दशी तिथि समापन- 24 जुलाई रात 02:48 बजेपारण का समय- 24 जुलाई सुबह 05:27 बजे तक
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है