गोपालगंज. कोर्ट परिसर में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22(बी) के तहत गठित स्थायी लोक अदालत में केस दाखिला शुरू हो गया है. इसके साथ ही लोक अदालत की नियमित बैठकें भी प्रारंभ हो गयी हैं. इसका मुख्य उद्देश्य जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित विवादों का आपसी सुलह और त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है. स्थायी लोक अदालत गोपालगंज में विभिन्न प्रकार के वाद जैसे बिजली विभाग, डाकघर, बैंक ऋण, परिवहन विभाग तथा अन्य जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित मामले दर्ज किये जा रहे हैं. सोमवार को स्थायी लोक अदालत की बैठक अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित हुई, जिसमें दाखिल वादों की प्राथमिक सुनवाई की गयी. अदालत ने सभी वादों को स्वीकार करते हुए विपक्षी पक्ष को उपस्थिति के लिए अगली तिथि पर नोटिस निर्गत करने का आदेश पारित किया.
लोक अदालत एक वैकल्पिक न्याय मंच
स्थायी लोक अदालत एक वैकल्पिक न्याय मंच है, जो जनोपयोगी सेवाओं से जुड़े विवादों के निबटारे की सुविधा प्रदान करता है. यहां जरूरत पड़ने पर वकील की भी सुविधा लोक अदालत मुहैया कराती है.
इन सेवाओं से जुड़े विवादों में होगा निर्णय
-डाक एवं तार सेवाएं
-टेलीफोन सेवाएं-यातायात सेवाएं (सड़क, वायु, माल परिवहन)
-बिजली आपूर्ति-स्वच्छता व्यवस्था
-अस्पताल एवं औषधालय सेवाएं-बीमा, शिक्षा, बैंकिंग एवं रियल एस्टेट सेवाएं
लोक अदालत का निर्णय अंतिम
स्थायी लोक अदालत की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसका निर्णय अंतिम और सभी पक्षों पर बाध्यकारी होता है. इसके माध्यम से आम नागरिकों को न्याय पाने के लिए लंबी और जटिल न्यायिक प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ेगा. गोपालगंज में इसकी स्थापना से लोगों को त्वरित, सुलभ और सस्ता न्याय मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है