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gopalganj news : नेपाल में बारिश होते ही गंडक का बढ़ने लगा जल स्तर

gopalganj news : दीपऊ-पकड़ी से महारानी तक डाउन स्टीम में बांध पर नदी का बढ़ रहा दबावतटबंधों को परखने पहुंचे डीएम, बांध पर जीओ बैग तैयार कर रखने का दिया निर्देशकहा-दीपऊ-पकड़ी बांध पर दबाव कम करने के लिए डुमरिया से डाउन में गाद की सफाई का तत्काल करें इंतजाम

गोपालगंज. नेपाल में बारिश होने के साथ ही गंडक नदी का जल स्तर में वृद्धि शुरू होने लगा है. पिछले 24 घंटे में 44200 क्यूसेक से बढ़कर 69200 पर पहुंच गया.

देर रात तक 80 हजार क्यूसेक पार कर जाने की संभावना है. नदी के बढ़ते डिस्चार्ज को देख रविवार को डीएम पवन कुमार सिन्हा, एडीएम आपदा शादुल हसन खान, एसडीओ अनिल कुमार, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता साजिद इकबाल के साथ पतहारा, दीपऊ-पकड़ी से महारानी बांध का सघन निरीक्षण किया. डुमरिया में डाउन स्टीम में गाद के जमा होने के कारण यहां नदी दीपऊ-पकड़ी से लेकर महारानी तक तटबंध पर दबाव बना रही. बड़ा नाव का इंतजाम करा कर नदी के गाद की सफाई का इंतजाम कराने का आदेश जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को दिया. इंजीनियरों को डीएम ने कहा कि गाद के कारण नदी दक्षिण की ओर शिफ्ट कर रही. यहां पार्कुपाइन, हाथी पांव, जीओ बैग, बालू भरे बोरा को स्टॉक करके रखें. यहां जेनेरेटर का इंतजाम कर 24 घंटे निगरानी करें. बांध पर दबाव कम हो इसके लिए एक्सपर्ट की भी सलाह ली जाये. प्रशासन को भी यहां हाइ अलर्ट मोड में रहने का आदेश डीएम ने दिया. बांध को पूरी तरह से चुनौती के रूप में प्रशासन ने लिया है.

बांध के किनारे वाले गांवों में भय का माहौल

तटबंध के किनारे रहने वाले लोगों को भय है कि छरकी व बांध के बीच में करीब दीपऊं गांव के 12-15 घर पर सीधा अटैक होने का खतरा है. बांध अभी सुरक्षित है. खोरमपुर, पड़ड़िया, फतेहपुर, महारानी, घोघराहां, बांसघाट मंसुरिया, मान टेंगराहीं, बसंत छपरा आदि गांव के लोग सहमे हुए हैं. कटाव को देखते हुए इलाके के लोग भी सहमे हुए हैं.

आज और बढ़ेगा नदी का जल स्तर, खतरे की बात नहीं

गंडक नदी का जल स्तर का बढ़ना अभी जारी था. वहीं सोमवार की दोपहर के बाद भी नदी का जल स्तर बढ़ेगा. नदी के वर्तमान हालत पर दियारा के 43 गांवों के लोग सहमे हुए हैं. लोग अभी से ही बरसात में परिवार को शिफ्ट करने के लिए अपने ठिकानों को ढुंढने में जुटे हैं. नदी के घटते-बढ़ते जल स्तर के कारण लोगों की धड़कनें बढ़ी हु़ई हैं. इलाके के लोग चार माह तक के लिए अपने ठौर की तलाश कर रहे हैं. नदी विशंभरपुर में खतरे के निशान से अभी 1.18 मीटर नीचे बह रही है. अभियंताओं ने बताया कि जिले के सभी तटबंध सुरक्षित हैं. कही कोई खतरा नहीं है.

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