पटेढ़ी बेलसर.
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पार्ट 2 के तहत संचालित पशु चिकित्सा सेवा ‘डायल 1962’ प्रखंड क्षेत्र के पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है. मवेशियों के इलाज के लिए पशुपालकों का निजी पशु चिकित्सकों पर से निर्भरता कम हो रही है. बस एक काल पर चलंत पशु चिकित्सा वैन (मेडिकल वेटनरी यूनिट) आधे घंटे के भीतर पशुपालक के दरवाजे पर पहुंच रही है और मवेशियों का नि:शुल्क उपचार कर रही है. इस सेवा के तहत हर दिन औसतन 15 से 20 पशुओं का प्राथमिक उपचार किया जा रहा है. वेटनरी वैन में पशुओं के इलाज के लिए 107 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, जिससे अधिकतर बीमारियों का प्राथमिक उपचार संभव हो पा रहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और मध्यमवर्गीय पशुपालकों को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिल रही है. यह सेवा प्रत्येक कार्य दिवस को सुबह नौ बजे से शाम शाम बजे तक उपलब्ध रहती है.1200 से ज्यादा पशुपालक उठा चुके सेवा का लाभ
वैन में एक-एक प्रशिक्षित पशु चिकित्सक व पारा वेटनरी कर्मी को पदस्थापित किया गया है.
काॅल करने के बाद टीम संबंधित पते पर पहुंचकर मवेशियों की जांच करती है, आवश्यक दवा देती है. वैन में पदस्थापित चिकित्सक सुनील कुमार ने बताया कि सितंबर 2024 से अब तक 1200 से ज्यादा पशुपालक इस सेवा का लाभ उठा चुके हैं. इस वैन के माध्यम से पशुओं को बुखार, दस्त, खुर-पका, आंख-कान की बीमारी, गर्भ संबंधित समस्याएं सहित कई बीमारियों का प्राथमिक उपचार दिया जाता है. इन्होंने बताया कि पशुओं के नियमित टीकाकरण को भी इस सेवा से बल मिल रहा है, जिससे बीमारियों की रोकथाम संभव हो रही है. इसके अलावा चलंत पशु चिकित्सा वैन समय-समय पर गांवों में पशुपालकों को जागरूक भी कर रही है. मवेशियों के खानपान, रखरखाव, साफ-सफाई तथा देखभाल से संबंधित आवश्यक जानकारी दी जाती है. इससे पशुपालकों के बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पालन-पोषण करने की जागरूकता बढ़ी है.
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