हाजीपुर.
सराय थाना क्षेत्र के पौड़ा मदन सिंह गांव निवासी घायल आर्मी जवान पंकज कुमार का निधन 16 जुलाई को इलाज के दौरान हो गया. वे ट्रेनिंग के दौरान सात जुलाई को घायल हो गये थे़ शहीद जवान का राजकीय सम्मान के साथ कौनहारा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. जवान का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया. गांव से उनका पार्थिव शरीर हाजीपुर के कोनहारा घाट पर लाया गया. इस दौरान रास्ते में सैकड़ो लोग अपने हाथ में तिरंगा लेकर शहीद पंकज कुमार अमर रहे, शहीद पंकज कुमार अमर रहे का नारा लगाते हुए कोनहारा घाट पहुंचे. घाट पर डीएम वर्षा सिंह, एसडीएम रामबाबू बैठा, एसडीपीओ सुबोध कुमार, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार समेत जिले के तमाम अधिकारी मौजूद थे. नप के कर्मचारियों ने सुबह से शहीद के अंतिम संस्कार के लिए घाट की साफ- सफाई कर घाट तैयार कर दिया था. शहीद जवान की शव यात्रा के पहुंचते ही देशभक्ति के नारों से घाट गूंजने लगा. दानापुर से आये सेना के दल ने ताबूत रखा और सलामी दी. आर्मी के वरीय अधिकारी ने सबसे पहले पुष्प चक्र रख सलामी देकर श्रद्धांजलि अर्पित की. उसके बाद डीएम वर्षा सिंह, महुआ विधायक डॉ मुकेश रौशन, लालगंज विधायक संजय सिंह, एसडीएम रामबाबू बैठा, एसडीपीओ सुबोध कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष आशुतोष कुमार दीपू ने श्रद्धांजलि दी. उसके बाद आर्मी के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. शहीद पंकज कुमार के पिता मनोज रजक ने अपने बेटे को मुखाग्नि दी. शहीद पंकज कुमार राजस्थान के जैसलमेर में ट्रेनिंग के लिए तैनात था. ट्रेनिंग के दौरान समुद्र में टैंकर में पानी घुसने से बेहोश हो गया था.15 महीने की पुत्री को देख भावुक हुए लोग
सराय.
शहीद का पार्थिव शरीर परिजन के साथ शुक्रवार की शाम आर्मी के हवाई जहाज से पटना पहुंचने पर सांसद चिराग पासवान सहित अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी. वहां से जवान के पार्थिव शरीर काे दानापुर कैंट ले जाया गया, जहां से शनिवार की सुबह फौजी वाहन से पैतृक गांव पौड़ा मदन सिंह पहुंचा. रास्ते में सूरज चौक पर हजारों की संख्या में जन सैलाब हाथो में तिरंगा लेकर खड़ी थी. जैसे ही पंकज का पार्थिव शरीर सराय बाजार पहुंचा, लालगंज विधायक संजय सिंह, एसडीपीओ सदर -2 गोपाल मंडल, सीओ भगवानपुर, लालगंज, सराय थाना अध्यक्ष मणिभूषण कुमार आदि भी पहुंचे. जन सैलाब भारत माता की जय, वीर सपूत अमर रहे आदि नारे लगाते हुए पैतृक गांव पहुंचे. शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गयी. वहीं अंतिम दर्शन के लिए लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. शहीद के पार्थिव शरीर से लिपट कर पत्नी किरण देवी, माता सुनैना देवी, पिता मनोज रजक की चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया. मां की गोद में बेटी रेशमी कुमारी को पता हीं नही अब उसके पापा दुबारा कभी नहीं आएंगे. परिजनों ने बताया की पंकज 13 वर्ष पूर्व आर्मी में योगदान दिया था. 24 नवंबर 2013 को हाजीपुर के अकीलाबाद गांव में शादी हुई थी. उसे 15 महीने की बेटी रेशमी कुमारी हैं.आखिरी बार छह जुलाई को पत्नी से हुई थी बात
परिजनों ने बताया की पंकज राजस्थान के जैसलमेर जिले में तैनात था. छह जुलाई को आखिरी बार पत्नी से फोन पर बात हुआ था, जिसमें इसी माह में घर आने पर देवघर जाने की प्लानिंग की थी. सावन महीने में कांवड़ लेकर बाबा धाम जाने की तैयारी थी. परिजन छुट्टी के बाद उसके आने और देवघर जाने की तैयारी की प्लानिंग में जुटे थे. लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. परिजन को सात जुलाई को टैंकर में पानी घुसने के कारण बेहोश हो जाने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही परिजन राजस्थान के लिए रवाना हो गये. इलाज के दौरान 16 जुलाई को जवान की मौत हो गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है