हाजीपुर. साइबर फ्राड से बचने के सबसे आसान तरीका जागरूकता ही है. हाल के दिनों में साइबर फ्राड के कई तरीके सामने आये हैं. डिजिटल अरेस्ट, बिजली कनेक्शन काटने और फेक अरेस्टिंग के नाम पर धोखाधड़ी तो की ही जाती है. डाउनलोड कराके भी अपराधी, लोगों को आसान शिकार बना रहे हैं. ऐसे में साइबर डीएसपी चांदनी सुमन ने साइबर फ्राड से बचने के लिए लोगों को जागरूक रहने की अपील की है. भगवानपुर स्थित लक्ष्मी नारायण महाविद्यालय में साइबर अपराध से बचाव से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया गया. इस दौरान साइबर ठगी से एवं धोखाधड़ी के शिकार होने से बचाव से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया. कार्यक्रम में साइबर अपराध से बचाव को लेकर छात्र-छात्राओं ने पेंटिंग द्वारा कई जानकारियां दी. इस दौरान डीएसपी ने उपस्थित लोगों को सलाह देते हुए विभिन्न तरीकों से होने वाले फ्राड और उससे बचने के तरीकों को लेकर जानकारी साझा की.
साइबर डीएसपी ने डिजिटल अरेस्ट के बारे में दी जानकारी
जागरूकता अभियान के दौरान डीएसपी ने साइबर अपराधी द्वारा सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई या पुलिस अधिकारी बनकर आडियो या वीडियो काल कर लोगों को मनी लांड्रिग, ड्रग्स का धंधा या गतिविधियों में संलिप्त रहने का भय दिखाकर आडियो या वीडियो काल पर बने रहने का दबाव बनाकर साइबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. डिजिटल अरेस्ट एवं डिजिटल वारंट से संबंधित कोई कानूनी प्रावधान नहीं है. ऐसे वीडियो कॅाल को रिसीव नहीं करें. अगर कोई अनजान आडियो या वीडियो काल आता है और अपने को पुलिस या किसी केन्द्रीय एजेंसी का बताकर डराता हो तो डरे नहीं, उसे स्थानीय थाना के माध्यम से संपर्क करने को कहे और फोन काल काट दें. बिना डरे स्थानीय थाना के माध्यम से सत्यापन कराए एवं कभी भी अपनी निजी या व्यक्तिगत वित्तीय जानकारी साझा ना करें. बिजली बिल के नाम पर ठगी : डीएसपी ने बताया कि बिजली बिल से जुड़े फर्जीवाड़े में अपराधी खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताकर लोगो को फोन काल कर बिजली आपूर्ति बाधित करने की धमकी देता है एवं बिजली चालू करने हेतु बिल भुगतान के लिए उनका बैंकिंग डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, पिन नंबर, ओटीपी और सीवीवी नंबर जैसे निजी जानकारी मांगकर लोगों को साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं. इसके साथ ही डीएसपी ने लोगों से अपील की है कि साइबर से संबंधित सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इन्होंने बताया कि वर्चुअल नंबर से फोन कर ठगी की जा रही है. आजकल साइबर अपराधी वर्चुअल नंबर से फोन कर साइबर ठगी का शिकार बना रहें है. वर्चुअल नंबर पर काल बैक करने पर फोन नहीं लगता है, इसलिए उसे काल बैक कर सत्यापित करें. अपराधी नये-नये कंपनियों में पैसा लगाकर मुनाफा कमाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं. बिना सत्यापन किये ऐसे किसी कंपनी में पैसा ना लगाएं.
साथ ही एएसइ, बीएसइ पोर्टल में रजिस्टर्ड ब्रोकर्स या प्लेटफार्म से सत्यापित करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है