हाजीपुर. शहर के बागदुल्हन स्थित एक संस्था के कार्यालय सभागार में बाल श्रम मुक्त दिवस सप्ताह के अवसर पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में संस्थान के सदस्यों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, बाल अधिकार समूहों तथा स्वयंसेवकों ने भाग लिया. संगोष्ठी में बाल श्रम की सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक जटिलताओं पर चर्चा कर, इससे निपटने की दिशा में समाज व प्रशासन की भूमिका को रेखांकित करने की दिशा में विचार-विमर्श किया गया. समता ग्राम सेवा संस्थान के सचिव रघुपति सिंह ने संस्था ने सिमरा (मुजफ्फरपुर) और बेलसंड (सीतामढ़ी) में बाल श्रमिकों के लिए विशेष स्कूलों की स्थापना, बाल पंचायतों का गठन और शिक्षा से वंचित बच्चों की मुख्यधारा में वापसी जैसे प्रयास किये हैं. उन्होंने कहा कि बाल श्रम सिर्फ आर्थिक मुद्दा नहीं है, यह बच्चों के बचपन, शिक्षा और भविष्य के साथ अन्याय है. इसे खत्म करना हम सबकी जिम्मेदारी है. कार्यक्रम के अंत में संकल्प लिया गया कि संस्था आने वाले समय में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल श्रम के खिलाफ और अधिक सक्रियता से काम करेगी तथा शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और सामुदायिक भागीदारी के जरिये हर बच्चे को गरिमापूर्ण बचपन दिलाने के लिए प्रयासरत रहेगी.
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