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hajipur news. करेंट की चपेट में आने से एक महीने में आठ लोगों की गयी जान, कई झुलसे

करेंट के संपर्क में आने से लोगों की मौत और झुलसने की घटनाएं जिले में लगातार हो रही हैं, जिंदगी पर बिजली से लापरवाही भारी पड़ रही है

हाजीपुर. करेंट के संपर्क में आने से लोगों की मौत और झुलसने की घटनाएं जिले में लगातार हो रही हैं. जिंदगी पर बिजली से लापरवाही भारी पड़ रही है. जून महीने में करंट की चपेट में आने से आठ लोगों की मौत हो गयी है, वहीं कई लोग करंट से झुलस गए हैं. इस हादसे ने मृतकों के परिजनों को जिंदगी भर का दर्द दे दिया है. कई लोगों द्वारा नीलगाय आदि से फसलों को बचाने के लिए खेत के चारों ओर नंगे तार लगा दिया जाता है और रात में उसमें करंट प्रवाहित कर दिया जाता है. इससे सुबह या शाम में उस खेत के पास जाने वाले और तार के संपर्क में आने से भी मौते हो रही हैं. हालांकि विद्युत विभाग इस मामले में लोगों को जागरूक करने के साथ ही फसलों को करंट प्रवाहित नंगे तार लगाने के बारे में जांच अभियान चलाता है. लेकिन अब तक विभाग को कुछ विशेष प्राप्त नहीं हो पाया है.

नीलगाय आदि से फसलों को बचाने के लिए लगाये जाते हैं नंगे तार

मालूम हो कि हाल के दिनों में कई ऐसे मामले आए हैं जिसमें किसानों द्वारा नीलगाय या किसी अन्य जानवरों से फसलों को बचाने के लिए कंटीले नंगे तार लगा दिए जाते हैं. रात में इन तारों में करंट प्रवाहित कर दिया जाता है. रात में या अहले सुबह कोई वहां से गुजरता है और करंट प्रवाहित उस तार के संपर्क में आता है तो हादसा होने की संभावना बढ़ जाती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर किसानों ने बताया कि नीलगाय आदि जानवर फसलों को बर्बाद कर देते हैं. इन फसलों को जानवरों से बचाने के लिए तार लगाने पड़ते हैं. हालांकि सुबह में करंट वाला तार हटा लिया जाता है.

किसान बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले नीलगायों द्वारा फसलों को बर्बाद करने पर इन्हें शूटर द्वारा मारने की मांग की गई थी, जिसके बाद मुख्यालय से एक शूटर को भेजा गया था. इसकी मदद से किसानों के बीच नीलगायों का खौफ कम हुआ था. लेकिन फिर एक बार इन नीलगायों के कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं और लोग इससे बचने के लिए लोग करंट प्रवाहित तार लगा रहे हैं.

फसलों को बचाने के लिए करेट प्रवाहित तार का प्रयोग करना अपराध

फसलों को बचाने के लिए नंगे तारों में करंट प्रवाहित करना कानूनी रूप से अपराध है. मई महीने हुए दो ऐसे मामले सामने आए थे. हालांकि एक मामले में मृतक के परिजनों ने बाद में बिजली के पोल में करंट प्रवाहित होने के कारण मौत की वजह बताई थी. लेकिन राजापाकर थाना क्षेत्र में 22 जून को हुई मौत मामले में मृतक के परिजनों ने जिस बगीचे में तार लगाया गया था उसके मालिक पर राजापाकर थाना में प्राथमिकी कराई थी. इस मामले में विद्युत विभाग हाजीपुर के कार्यपालक अभियंता चंदन लाल ने इसे कानूनी रूप से अपराध बताया है.

करेंट से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

बिजली के उपकरणों, पोलों से पर्याप्त दूरी बनाये रखें.

बिजली के हाइटेंशन तार के नीचे निर्माण कार्य न करें.

ट्रांसफाॅर्मर, हाइटेंशन तार आदि में खराबी आने पर अनधिकृत रूप से सुधार का प्रयास न करें.

टूटकर गिरे तार से दूर रहें जेइ को सूचना देकर विद्युत प्रवाह बंद कराएं.

बिजली के पोल पर कपड़े न सुखाएं.

घरों, खेतों आदि में बिजली के गुणवत्तापूर्ण उपकरणों का उपयोग करें.

खेतों की बाड़ आदि में करेंट प्रवाहित तार का प्रयोग न करें.

जून में हुईं ये घटनाएं

29 जून को महनार के वासुदेवपुर चंदेल में करेंट लगने से महिला की मौत.

29 जून को महनार के लावापुर नारायण में करेंट की चपेट में आने से तीन युवक झुलसे.

22 जून को राजापाकर के जाफरपट्टी में बागीचे में नंगे तार में करेंट प्रवाहित होने से एक व्यक्ति की मौत.

26 जून को महुआ के गौसपुर चकमजाहिद में ट्रांसफाॅर्मर की अर्थिंग में करेंट प्रवाहित होने से महिला की मौत.

28 जून को सहदेई के नयागांव पूर्वी में घास काटने गयीं दो महिलाएं करंट से झुलसीं.

19 जून को महनार के स्टेशन रोड स्थित संगत मंदिर के पास पोल में करेंट प्रवाहित होने से बुजुर्ग की मौत.

22 जून को महुआ के कन्हौली बेझा में शटडाउन लेने के बाद भी सप्लाइ हुए बिजली से विद्युत मानव बल की मौत.

छह जून को सराय टोल प्लाजा पर करेंट की चपेट में युवक की मौत, तीन जख्मी

पांच जून को महुआ के हसनपुर ओस्ती गांव में करेंट की चपेट में आने से महिला की मौत.

19 जून को सदर थाना क्षेत्र के केदार चौक के पास खेत में करेंट प्रवाहित तार के संपर्क में आने से पति की मौत, महिला झुलसी.

क्या कहते हैं अधिकारी

खेतों में नंगे तार में करेंट प्रवाहित करना अपराध है. सूचना पर इसकी जांच की जाती है. कहीं भी ऐसा पाए जाने पर आरोपित पर कार्रवाई की जायेगी. हालांकि कई बार सूचना मिलने के बाद टीम जब मौके पर पहुंची तो तार हटा हुआ मिला, बताया जाता है कि रात में तार लगाए जाते हैं और सुबह हटा लिये जाते हैं. ऐसे में इन्हें पकड़ता थोड़ा मुश्किल होता है. लोग सतकर्ता अपनाकर बिजली की चपेट में आकर जान गंवाने से बच सकते हैं. इस बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाता है.

चंदन लाल, कार्यपालक अभियंता, विद्युत कंपनी, हाजीपुर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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