पटेढी बेलसर. प्रखंड क्षेत्र के मक्का उत्पादक किसानों को उनकी उपज की सही कीमत नहीं मिल पा रही है. क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मक्का की खेती होती है. सरकार ने मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2225 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर सरकारी खरीद की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान बिचौलियों के हाथों मक्का बेचने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें मक्का की कीमत 1800 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल तक ही मिल रही है, जो समर्थन मूल्य से काफी कम है. ऐसे में उन्हें उनकी उपज का वाजिब कीमत नहीं मिल रहा. किसानों की विवशता यह है कि अगली फसल के लिए उन्हें पूंजी की आवश्यकता होती है, जिसके लिए मक्का बेचना ही एक मात्र विकल्प है. मक्का उत्पादक किसान कमलेश्वर सिंह, शंकर सिंह, प्रेमचंद राय, राजकिशोर सिंह समेत अन्य कई किसानों ने बताया कि फसल तैयार होने के बाद अधिक दिनों तक उसे घर में रखना संभव नहीं होता. भंडारण की सुविधा नहीं होने और पूंजी की आवश्यकता के कारण उन्हें मक्का को बिचौलिए द्वारा तय कीमत पर बेच देना पड़ता है. किसानों ने सरकार से मांग की है कि मक्का की खरीद सीधे सरकारी स्तर पर की जाए और उसे एथेनॉल उत्पादन से जुड़े प्लांटों को भेजा जाए. इससे न सिर्फ मक्का की मांग बढ़ेगी बल्कि किसानों को उपज का उचित मूल्य भी मिल सकेगा. साथ ही इन्होंने यह भी मांग की कि मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए, ताकि उनकी उपज का सही मूल्य प्राप्त हो सके.
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