पटेढ़ी बेलसर. बारिश नहीं होने से धान उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गयी है. हालांकि, वे हिम्मत नहीं हार रहे हैं. किसानों ने सिंचाई के निजी साधनों के सहारे धान की रोपनी शुरू कर दी है. जिन किसानों का बिचड़ा तैयार है, वे धूप और गर्मी की परवाह किये बगैर धान की रोपनी कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि वे इस उम्मीद में धान की रोपनी कर रहे हैं कि आगे चलकर अच्छी बारिश होगी. हालांकि, रोपनी के 15 दिनों के अंदर बारिश नहीं हुई तो खेतों में लगे पौधों को बचाना मुश्किल हो जायेगा. धान के पौधों को जिंदा रखने के लिए लगातार सिंचाई करनी पड़ेगी. जिससे धान की फसल का उत्पादन मूल्य ज्यादा लगेगी. खर्च और मेहनत बढ़ने के साथ ही अच्छी पैदावार नहीं हो सकेगी. बताया गया कि प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्तर पर कोई भी सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है. सभी प्रकार के जलाशय सूखे पड़े है. किसान पूरी तरह निजी ट्यूबवेल पर आश्रित है. किसान बिजली चलित या पेट्रोल चलित मोटर पंप के सहारे सिंचाई कर रहे हैं. हालांकि, बिजली की उपलब्धता से निजी सिंचाई साधनों पर लागत काफी कम हुई है. किसानों ने बताया कि धान की रोपनी समय पर नहीं होने पर उत्पादन पर असर पड़ सकता है. इस कारण जिनका बिचड़ा तैयार है वे धान की रोपनी कर रहे है. किसान की नजर आसमान पर टिकी है, जहां से राहत की बूंदों की उम्मीद की जा रही है.
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