हाजीपुर. उत्तर बिहार में भारी बारिश और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा के चलते नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. मंगलवार को गंगा और गंडक दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. हाजीपुर में गंगा नदी का जल स्तर 49.75 मीटर मापा गया है, जो खतरे के निशान 48.60 मीटर से 1.15 सेमी ऊपर है. बीते 12 घंटे में गंगा नदी का जलस्तर 15 मिमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा है. इसी तरह लालगंज में गंडक नदी का जल स्तर भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. मंगलवार शाम छह बजे लालगंज में गंडक का जलस्तर 51.13 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि वहां खतरे का निशान 50.50 मीटर है. यानी नदी खतरे के निशान से 63 सेमी ऊपर बह रही है. वहीं हाजीपुर में गंडक का जल स्तर 49.74 मीटर मापा गया, जो खतरे के निशान 50.32 मीटर से सिर्फ 58 सेमी नीचे है. बाढ़ नियंत्रण एवं जल संसाधन विभाग के अनुसार, गंगा नदी का जल स्तर पटना के गांधी घाट पर मापा जाता है, लेकिन इसका असर हाजीपुर सहित अन्य निचले इलाकों में भी देखा जा रहा है. बढ़ते जल स्तर के बीच बाढ़ का खतरा गहरा गया है. उधर, वाल्मिकी नगर बराज से लगातार अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. मंगलवार शाम को एक लाख 29 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसके पहले सोमवार को 1 लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. लगातार दो दिनों से एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी की निकासी की जा रही है, जिससे जल स्तर में और तेजी से वृद्धि की संभावना जतायी जा रही है. इतिहास की बात करें तो हाजीपुर में वर्ष 1948 में गंडक नदी का जल स्तर 51.93 मीटर तक पहुंच गया था. वहीं लालगंज में वर्ष 2021 में गंडक नदी ने खतरे के निशान 50.50 मीटर को पार करते हुए 51.82 मीटर तक जल स्तर दर्ज किया था. वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है. निचले इलाकों में पानी घुसने की आशंका बढ़ गयी है.
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