हाजीपुर.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले शहर में सोमवार को सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने वक्फ संसोधन बिल 2025 के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने काला पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया. इस विरोध-प्रदर्शन में इमारत-ए-शरिया, जमात-उल-उलेमा हिंद, एदार-ए-शरिया, जमात-ए-इस्लामी और दीगर मिल्ली संगठन शामिल हुए. वक्फ बिल के विरोध में यह मार्च अनवरपुर स्थित जामा मस्जिद से शुरू हुआ. विरोध मार्च में शामिल सभी लोग हाथों में तख्ती लेकर चल रहे थे, जिन पर वक्फ बिल को लेकर विरोध संदेश लिखे थे.वक्फ संसोधन बिल काला कानून
प्रदर्शन के दौरान वक्फ संसोधन बिल को काला कानून बताते हुए कहा गया कि यह मुस्लिम समुदाय पर जुल्म है. प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि वे वक्फ में किसी भी तरह का संशोधन बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने का भी आरोप लगाया. यह विरोध मार्च जामा मस्जिद से शुरू होकर रामाशीष चौक, यादव चौक होते हुए समाहरणालय पहुंचा. समाहरणालय पहुंचकर, पांच सदस्यीय गठित कमेटी के सदस्यों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन डीएम यशपाल मीणा के माध्यम से सौंपा. ज्ञापन में वक्फ बिल 2025 को लेकर मुस्लिम समुदाय की आपत्तियों और मांगों का उल्लेख किया गया था. विरोध मार्च में मुफ्ती सनाउल होदा कासमी, मुफ्ती आसिफ जमील क़ासमी, मौलाना नेयाज, मौलाना मजहरुल हक कासमी, कारी अफरोज, शाहिद जमाल, नसर इमाम, मौलाना नेयाज, मौलाना शौकत, तौहीद आलम, फिरदौस मदनी, इम्तियाज खान, मो आबिद, मो अकबर, मो महफूज आलम, मो सद्दाम, मो आफताब समेत सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे.
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