महुआ. महुआ बाजार स्थित एक कोचिंग संस्थान में ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी की जिला इकाई की बैठक के दौरान नयी शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा की गयी. नयी नीति से शिक्षा के हो रहे बाजारीकरण और निजी संस्थानों की बढ़ती तादाद पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त किया गया. बैठक में नयी शिक्षा नीति की आलोचना करते हुए, जनपक्षीय वैकल्पिक शिक्षा नीति-2025 का समर्थन किया गया.
सरकार वहन करे शिक्षा का सारा खर्च
मुख्य वक्ता के रूप में ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी के महासचिव प्रो तरुण कांति ने कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षा को पूरी तरह से बाजार के हाथों सौंपने की साजिश है, जिससे गरीब, वंचित और ग्रामीण तबके के बच्चों की उच्च व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच मुश्किल हो जायेगी. उन्होंने कहा कि यदि देश को सही मायने में शिक्षित बनाना है तो शिक्षा पर होने वाला समस्त खर्च को सरकार द्वारा वहन किया जाना चाहिए. इन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान नीति भारतीय ज्ञान प्रणाली के नाम पर अवैज्ञानिक और अतार्किक बातों को बढ़ावा देने का माध्यम बन रही है.
बैठक में ललित कुमार घोष, अवधेश कुमार, अजीत कुमार, धर्मेंद्र कुमार, प्रो संजय शर्मा आदि ने संबोधित किया. बैठक की अध्यक्षता रवींद्र प्रसाद ने की. संचालन सुमन कुमार ने किया. बैठक में जीतू पासवान, रघुनाथ पासवान, नरेश राम, राज कुमार, सोनू खान, इंद्रदेव राय, विकास कुमार, पवन कुमार, आलोक कुमार, विक्की, विपिन, शशिकांत कुमार आदि लोग उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है