प्रतिनिधि, महनार
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महनार की स्थिति खराब हो गयी है. स्वास्थ्य केंद्र में अनेक समस्याएं हैं. वैसे तो अस्पताल में मरीजों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं, परंतु पर्याप्त संख्या चिकित्सक व कर्मी नहीं हैं. स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 200 से 250 मरीजों का आना होता है, लेकिन डॉक्टर व कर्मियों की कमी से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस स्वास्थ्य केंद्र में पुरुष, महिला व आयुष मिलाकर कुल 12 डॉक्टर कार्यरत हैं. डॉक्टर के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में मात्र तीन ही जीएनएम हैं. जिनके सहारे इमरजेंसी व प्रसव आदि का कार्य किया जा रहा है. स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन आने वाले मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक होती है. जबकि इस अस्पताल में एक भी चाइल्ड विशेषज्ञ डॉक्टर के नहीं रहने से बच्चों के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मौके पर ओपीडी संभाल रहे डॉ अरुण कुमार ने बताया कि मात्र तीन जीएनएम के सहारे इमरजेंसी से लेकर प्रसव के कार्य सम्भालना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में सभी तरह की दावाएं उपलब्ध है.जरूरी पर नहीं मिलती एंबुलेंस
इलाज कराने आए सहदेई प्रखंड के सुल्तानपुर गांव निवासी बिमल किशोर सिंह ने बताया गया कि उनके पैर में काफी जख्म है. जिसका वे अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. साथ ही मीरा देवी ने बताया कि वे अस्पताल पहुंची और उन्हें किसी तरह का दिक्कत नहीं हुआ और उनके बीमारी का इलाज किया गया. जबकि अन्य मरीजों का कहना था कि सीएचसी में डॉक्टर, फार्मासिस्ट, कंपाउंडर आदि की कमी से लोगों को इलाज में कठिनाई महसूस होती है. अधिकतर मरीजों ने बताया कि इस स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे की सुविधा मात्र तीन दिन ही उपलब्ध रहता है. शेष दिनों मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर एक्सरे करवाने पड़ते हैं. कुछ मरीजों ने तो यह भी कहा कि यहां एम्बुलेंश कहने को तीन हैं. किंतु समय पर उसकी सुविधा मिलने में कठिनाई होती है. मरीजों काे इलाज के लिए कभी-कभी काफी देर तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.इमरजेंसी में आये मरीजों को कर देते हैं सदर अस्पताल रेफर
बताया जाता है कि अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर एचआइवी, शुगर, कालाजार, मलेरिया आदि की जांच व एक्स-रे की सुविधा है. यहां मरीजों को सामान्य स्वास्थ्य व चिकित्सा की सुविधा तो मिल पाती है, लेकिन इमरजेंसी में अन्य अस्पतालों की तरह ही रेफर टू सदर अस्पताल का पर्चा थमा दिया जाता है. महनार से जिला मुख्यालय हाजीपुर की दूरी करीब 35 किलोमीटर की है. इससे गंभीर मरीजों को सदर अस्पताल ले जाने में जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. समस्तीपुर जिला की सीमा से सटे होने के कारण यहां पड़ोसी जिले से भी भारी संख्या में मरीज आते रहते हैं. यहां चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में उन्हें यहां आकर निराशा ही हाथ लगती है. कई अत्यंत गरीब परिवार के सदस्य होते हैं. जो निजी अस्पताल के डॉक्टरों की फीस देने में असमर्थ होते हैं. उनके पास सीएचसी में इलाज करवाने के अलावा कोई उपाय नहीं होता है. लेकिन डॉक्टर व कर्मियों की कमी के कारण उन्हें यहां सही इलाज नहीं मिल पाता है.फाइलों में अटका है अनुमंडल अस्पताल का मामला
महनार अनुमंडल की स्थापना के करीब 23 वर्ष बाद भी यहां अनुमंडल अस्पताल की स्थापना नहीं हो सकी. करीब सात वर्ष पूर्व महनार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं में विशेष सुधार नहीं हो सका. इस बीच सरकार ने महनार में अनुमंडल अस्पताल खोलने की मंजूरी दी. अनुमंडल अस्पताल चमरहरा में बनाने की पहल भी शुरू हुई थी. इसको लेकर ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महनार के तत्कालीन प्रभारी डॉ ज्ञानेश कुमार से मिलकर वार्ता भी की थी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्थल आदि का मुआयना कर प्रक्रिया को आगे भी बढ़ाया. लेकिन बाद में यह मामला अटक गया.महनार सीएचसी में पदस्थापित डॉक्टर
डॉ अलका, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारीडॉ हर्षवर्धन, इएनटी विशेषज्ञ डॉ शालिनी, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण कुमार, फिजिशियन डॉ पूनम, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ सोनू कुमार, एमडी डॉ मनीष कुमार, फिजिशियनडॉ सुजीत भारती, एमएस डॉ प्रियरंजन कुमार, आयुष चिकित्सक हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ निरंजन कुमार, आयुष चिकित्सक डॉ फैजल, फिजियोथैरापीडॉ गायत्री भारती, दंत चिकित्सकसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आ रहे मरीजों को हर तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है. अस्पताल में सभी तरह की दवाएं भी उपलब्ध है. चिकित्सक व अन्य कर्मियों की कमी को लेकर विभाग को लिखित सूचना दी गयी है.
डॉ अलका, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सीएचसी महनारB
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