हाजीपुर.
जिले के पलवैया धाम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सरकार की योजना साकार होने वाली है. लोकदेवता बाबा गणिनाथ के जन्म स्थल पलवैया धाम पर लगने वाले मेले को सरकार ने राजकीय मेला का दर्जा दे दिया है. बाबा गणिनाथ के अनुयायी वर्षों से इसकी मांग कर रहे थे. शुक्रवार को राज्य सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में पलवैया धाम मेले को बिहार राज्य मेला प्राधिकरण के प्रबंधन में शामिल किया गया. इस वर्ष मेला प्रबंधन के लिए 30 लाख रुपये का आवंटन भी किया गया है. सरकार के इस फैसले से बाबा गणिनाथ के उपासकों में खुशी है. भाद्रपद माह में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद पड़ने वाले शनिवार को संत गणिनाथ का अवतरण दिवस माना जाता है. उन्हें भगवान शिव का मानस पुत्र कहा जाता है. जिले के महनार अंचल में स्थित उनके जन्म स्थान पलवैया धाम पर हर साल भव्य मेला लगता है. उनकी जयंती पर आयोजित मेले में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, भूटान आदि देशों में बसे उनके अनुयायी दर्शन-पूजन के लिए आते हैं. गणिनाथ जयंती समारोह में करीब ढाई लाख लोग आते हैं, जिनमें 70 प्रतिशत महिलाएं होती हैं.क्षेत्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
पलवैया मेले को राज्य मेला प्राधिकरण में प्रबंधन में शामिल किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार के पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने कहा कि कैबिनेट की बैठक का यह निर्णय हमारी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण, धार्मिक आस्था के सम्मान और क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अब यह मेला और अधिक सुव्यवस्थित, भव्य और आकर्षक स्वरूप में देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा. मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने बताया कि गत 13 अप्रैल को पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में आयोजित वंशी चाचा शहादत समारोह सह कानू-हलवाई अधिकार रैली में इस मांग को प्रमुखता से उठाया गया था. बाबा गणिनाथ के जन्म स्थल के महात्म्य को देखते हुए सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी. बाबा गणिनाथ सेवाश्रम की अध्यक्ष चंद्रमुखी देवी, विजय कुमार गुप्ता, शत्रुध्न प्रसाद गुप्ता, डॉ शैलेश कुमार विद्यार्थी, डॉ एसके सज्जन, डॉ मनोज कुमार गुप्ता आदि ने सरकार के निर्णय पर खुशी व्यक्त की.
गणिनाथ सर्किट का निर्माण कार्य शुरू करने की जरूरत
पलवैया धाम के विकास के लिए प्रयासरत रहे रामानंद गुप्ता ने बताया कि पलवैया धाम को बिहार सरकार ने वर्ष 2018 में पर्यटन स्थल का दर्जा दिया था. उसके बाद लगभग 7.72 करोड़ रुपये की लागत से धर्मशाला, सोलर लाइट, तोरण द्वार, गंगा घाट आदि का निर्माण कराया गया है. पलवैया धाम के नजदीक गणिनाथ सर्किट का निर्माण कार्य शुरू करने की जरूरत है. गणिनाथ सर्किट में हसनपुर एवं बिदुपुर धर्मगाछी को जोड़ते हुए गंगा घाट का विस्तार, घाटों पर स्थायी चेंजिंग रूम, शौचालय, समुचित प्रकाश की व्यवस्था, घाट का सौंदर्यीकरण, पलवैया धाम मंदिर परिसर में स्थायी मंच एवं पार्किंग स्थल का निर्माण कराया जाना आवश्यक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है