हाजीपुर
. देवचन्द महाविद्यालय में गणित विभाग की ओर से वैदिक मैथमेटिक्स एण्ड इट्स एप्लीकेशन विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो तारकेश्वर पंडित तथा मुख्य वक्ता बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के गणित विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ सुरेश कुमार शुक्ला शामिल हुए. इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक गणित के विभागाध्यक्ष डॉ विपुल कुमार बरनवाल ने बताया कि विद्यालय या महाविद्यालय स्तर पर वैदिक गणित की तकनीकों को अपनाने से गणित के प्रति डर समाप्त होता है और छात्र सहजता से कठिन प्रश्नों को भी हल कर सकते हैं. आज इसका उपयोग विभिन्न अनुसंधानों में भी किया जाता है. कार्यक्रम के सह-समन्वयक गणित विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अमरेन्द्र शर्मा ने कहा कि वैदिक गणित भारतीय गणितीय परंपरा की एक अनुपम देन है, जो न केवल गणना को तीव्र और सरल बनाता है, बल्कि तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता को भी विकसित करता है.मुख्य वक्ता डॉ सुरेश कुमार शुक्ला ने वैदिक गणित की बारीकियों को अत्यंत रोचक एवं प्रायोगिक तरीकों से बताया तथा इसके अनुप्रयोगों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए वैदिक गणित किसी वरदान से कम नहीं है. इस अयोजन में छात्र-छात्राएं वर्षा रानी, रागिनी कुमारी, सुनिधि राज तथा चांदनी कुमारी इत्यादि ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा अपने-अपने विचार रखें. महाविद्यालय प्राचार्य सह संरक्षक प्रो तारकेश्वर पंडित ने अपने संबोधन में कहा कि वैदिक गणित हमारी सांस्कृतिक विरासत है, जिसे आज की युवा पीढ़ी को आत्मसात करने की आवश्यकता है. इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छत्राएं उपस्थित रहे.
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