– टिफिन अवधि में काली पट्टी लगाकर जताया विरोध, नौ जुलाई को जिलाधिकारी को अपनी मांगों से संबंधित सौंपा जायेगा ज्ञापन जमुई. समाहरणालय संवर्ग के लिपिकों ने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी संघ से संबद्ध महासंघ (गोप गुट) के आह्वान पर यह आंदोलन जोर पकड़ रहा है. जानकारी देते हुए संघ के जिला सचिव प्रियरंजन कुमार ने बताया कि संघ के लिपिकीय कर्मियों ने शुक्रवार को टिफिन अवधि में काली पट्टी लगाकर समाहरणालय के समक्ष अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. हमारी प्रमुख मांगों में पदसोपान और ग्रेड वेतन का पुनर्निर्धारण, राजपत्रित पदों पर प्रोन्नति, पदबल में वृद्धि, चिकित्सा प्रतिपूर्ति में अग्रिम भुगतान, निःशुल्क आवास की व्यवस्था और राज्य संवर्ग से अलग रखा जाना शामिल है. उन्होंने कहा कि लिपिकीय संवर्ग की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि जब अन्य गैर-संवर्गीय कर्मियों को राजपत्रित पदों पर प्रोन्नति मिल रही है तो समाहरणालय कर्मियों को भी यह अधिकार मिलना चाहिये. अगर इन सांकेतिक आंदोलनों के बावजूद राज्य सरकार सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है, तो आगामी 22 जुलाई को छपरा में आयोजित राज्य सम्मेलन में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जायेगी और इसकी पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. साथ ही बताया कि आंदोलन की अगली कड़ी में नौ जुलाई को पूरे बिहार में सभी जिला के समाहरणालय पर जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा और मुख्यमंत्री के नाम पर लिखित 10 सूत्री मांग पत्र जिलाधिकारी को दिया जायेगा. यह प्रदर्शन देशव्यापी ओल्ड पेंशन योजना की बहाली, श्रम संहिता के विरोध में 11 सूत्री मांगों के समर्थन में होने वाली राष्ट्रीय हड़ताल के साथ एकजुटता भी प्रदर्शित करेगा. इस दौरान संघ के कमल किशोर, संजीव सिंह, उदित दास, राहुल कुमार सिंह, महेश दास, पप्पू मरांडी, अरुण मंडल, उपेंद्र मंडल, प्राण जीवन साह, सतीश प्रसाद सिंह समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे.
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