Bihar News: पुलिस और एसएसबी टीम को सूचना मिली कि तारकेश्वर राय रात्रि में किसी से मिलने घर से लगभग दो किलोमीटर दूर पहाड़ बाबा मंदिर के समीप आयेगा. प्राप्त सूचना के आधार पर एसपी मदर कुमार आनंद और 16 वीं वाहिनी के कमांडेंट अनिल कुमार पठानिया के निर्देश पर सी-समवाय प्रभारी अभिनव तोमर और चरकापत्थर थानाध्यक्ष विशाल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम बनाकर पहाड़ बाबा मंदिर क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाते हुए तारकेश्वर को गिरफ्तार कर लिया गया. वह पिछले कई वर्षों से मुंगेर व बांका पुलिस का वांछित था. मुंगेर और बांका थाना के कांड के अतिरिक्त नक्सली तारकेश्वर पर चंद्रमंडीह सहित अन्य कई थानों में भी संगीन मामले दर्ज हैं जिसकी जानकारी एकत्र की जा रही है. उससे बरामद उसके मोबाइल डिटेल से भी पुलिस इस जांच में जुटी है कि अभी नक्सल संगठन के संपर्क में है या नहीं. गिरफ्तार तारकेश्वर को आवश्यक औपचारिकताओं के उपरांत चरकापत्थर पुलिस ने अग्रेतर विधिक कार्रवाई करते हुए उसे बांका न्यायालय अंतर्गत न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
तारकेश्वर राय को एसएलआर के साथ मुंगेर पुलिस ने किया था गिरफ्तार
गिरफ्तार वांछित नक्सली तारकेश्वर पूर्व में भी जेल जा चुका है. वर्षों तक मुंगेर जेल में रहकर दो वर्ष पूर्व ही रिहा हुआ था. मुंगेर पुलिस ने आठ वर्ष पूर्व उसे नक्सल कांड में एसएलआर के साथ गिरफ्तार किया था. 2010 से 2015 तक लगभग पांच वर्षों के उसके नक्सल सफर में मुंगेर व बांका सहित अन्य जिले के एक दर्जन कांड में उसे नामजद किया गया था. वर्तमान में वह मुंगेर थाना का स्थाई वारंटी था जबकि बांका अपर जिला न्यायालय एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय के द्वारा कुर्की- जब्ती आदेश भी जारी किया गया था. चंद्रमंडीह थाना में दर्ज एक बैंक डकैती कांड में उसकी संलिप्तता की छानबीन की जा रही है.
अपने जिला क्षेत्र को नहीं बनाया था कार्यक्षेत्र
करीब 30 वर्ष की उम्र में 2010 के दशक में नक्सल संगठन से जुड़ने वाला चिल्काखार गांव निवासी तारकेश्वर राय ने अपना कार्य क्षेत्र जमुई जिला को नहीं बनाया था. उसका कार्य क्षेत्र बांका, मुंगेर, लखीसराय और भागलपुर का इलाका रहा. इन जिलों के विभिन्न क्षेत्र में वर्ष 2011 से 2014 के बीच हुए कई नक्सल घटना में इसकी संलिप्तता रही थी. पुलिस की मानें तो संगठन में इसका वरीय ओहदा था और एसएलआर व अन्य घातक हथियार के साथ रहता था.