जमुई. बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. उत्पाद विभाग की टीम द्वारा लगातार जिले भर में शराब तस्करों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल परिसर में मिली खाली शराब की बोतल जिले में शराब बंदी कानून पर सवाल उठाने के लिये काफी है. दरअसल, सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष के नीचे शराब की दो खाली बोतल मिलने से स्वास्थ्य कर्मी सहित मरीज के परिजनों के बीच चर्चा का विषय बन गया. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बताया गया कि सदर अस्पताल में शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है. इस कारण स्वास्थ्य कर्मी, मरीज और उनके परिजन दहशत में रहते हैं. लोगों ने बताया कि कुछ स्वास्थ्य कर्मी भी असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर नशा का सेवन अस्पताल परिसर में ही करते हैं और रात में इलाज के लिये सदर अस्पताल आये मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी क्लिनिक में भर्ती करवाने का कार्य करते हैं. बताते चलें कि सदर अस्पताल की सुरक्षा को लेकर दर्जनों सुरक्षा गार्ड की प्रतिनियुक्ति की गयी है इसके बावजूद सदर अस्पताल में असामाजिक तत्वों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि, शराब की खाली बोतल मिलने से अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया है.
अस्पताल परिसर में लगे हैं सीसीटीवी
सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सदर अस्पताल के मुख्य द्वार से लेकर अन्य जगहों पर दर्जनों सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. इसके बावजूद सदर अस्पताल में शराब की खाली बोतल मिलना सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. साथ ही सीसीटीवी कैमरे के सामने सदर अस्पताल में असामाजिक तत्वों और बिचौलियों का बोलबाला रहता है और अस्पताल प्रबंधन हर बार सीसीटीवी फुटेज के आधार पर असामाजिक तत्वों और बिचौलियों पर कार्रवाई करने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लेती है.
कहते हैं अस्पताल प्रबंधक
अस्पताल प्रबंधक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि सदर अस्पताल को बदनाम करने की साज़िश की जा रही है. अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शराब की बोतल बाहर से लायी गयी या फिर अस्पताल के भीतर ही किसी ने शराब का सेवन किया है. मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है