गिद्धौर. दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर में जबरन प्रसव कराये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. बुधवार को महिला सफाई कर्मी ने नोडल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार के साथ अभद्र व्यवहार किया. घटना को लेकर स्वास्थ्य पदाधिकारी ने गिद्धौर थाने में दो महिला सफाई कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. नोडल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार ने थाने में आवेदन देते हुए कहा है कि सुबह 8:30 बजे अस्पताल पहुंचने के क्रम में गेट के पास सुनीता देवी और मायावती देवी ने उन्हें रोका और अभद्र व्यवहार करते हुए जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि यह महिलाएं अस्पताल में किसी सरकारी पद पर नहीं हैं. फिर भी अनधिकृत रूप से परिसर में डेरा डाले हुए हैं और जबरन चिकित्सा कार्यों में हस्तक्षेप करती हैं. मना करने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देती हैं. इधर, मृत नवजात के परिजनों बेबी देवी और सोनू रावत ने भी महिला सफाई कर्मियों पर जबरन प्रसव कराने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों से मामले की जांच कर दोषियों पर विभागीय कार्रवाई की मांग की है. वहीं गिद्धौर थानाध्यक्ष दीनानाथ सिंह ने बताया कि चिकित्सक के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
रेफर मरीज की करायी थी डिलीवरी, नवजात की हो गयी थी मौत
बताया जाता है कि मौरा गांव निवासी वर्षा कुमारी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों द्वारा गिद्धौर अस्पताल लाया गया था. डॉ प्रदीप कुमार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे सदर अस्पताल जमुई रेफर कर दिया. परिजनों का आरोप है कि इसके बावजूद अस्पताल की आउटसोर्सिंग महिला सफाई कर्मी सुनीता देवी, मायावती देवी ने जबरन रोक कर अस्पताल में ही डिलीवरी कराने को बाध्य कर दी, प्रसव के बाद नवजात शिशु की मौत हो गयी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है