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डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सदर अस्पताल में बनाया स्पेशल वार्ड

डेंगू को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग अलर्ट के बाद जिले में भी स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है.

जमुई. डेंगू को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग अलर्ट के बाद जिले में भी स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है. विभाग के निर्देश के आलोक में सिविल सर्जन डॉ अमृत किशोर ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू को लेकर विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. किसी व्यक्ति में रोग संबंधी लक्षण मिलने पर समुचित इलाज के तत्काल इंतजाम सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया गया है. साथ ही डेंगू रोधी उपायों के तहत फोगिंग का आदेश दिया गया है. सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया कि जिले में डेंगू की तैयारी को लेकर सदर अस्पताल में फैब्रिकेटेड वार्ड में मच्छरदानी युक्त 10 बेड को डेंगू वार्ड बनाया गया है. इसके अलावा जिले के सभी पीएचसी सीएचसी में दो-दो बेड का वार्ड है. उन्होंने बताया कि बारिश एवं जलजमाव होने पर मच्छरों की संख्या बढ़ जाता है. उन्होंने लोगों से डेंगू से बचाव को लेकर घर में मच्छर रोधी स्प्रे सहित सफाई करने तथा छोटे-छोटे नौनिहालों के शरीर पूरी तरह कपड़े से ढकने और घर से बाहर निकलने पर मच्छरों से सतर्क रहने की अपील की है. सीएस द्वारा बताया गया कि जिले में एक भी डेंगू के मरीज नहीं हैं. उन्होंने बताया कि डेंगू की जांच के लिए सदर अस्पताल सहित पीएचसी-सीएचसी में पर्याप्त मात्रा में एंटीजन किट उपलब्ध है. जिले में डेंगू की जांच व इलाज का इंतजाम पूरी तरह नि:शुल्क है. गंभीर मरीजों के लिये जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेष डेंगू वार्ड भी संचालित किया जा रहा है.

एडिस मच्छर काटने से होता है डेंगू

जिला वैक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार धुसिया ने बताया कि तापमान में लगातार हो रहे उतार- चढ़ाव के कारण मौसम में भी बदलाव हो रहा है. इसके कारण जिल में डेंगू का संक्रमण फैलने की संभावना काफी बढ़ गयी है. डॉ धुसिया ने बताया कि डेंगू की बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से ही होता है. इसलिए यदि आप दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी का प्रयोग करें साथ ही पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें. घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें. इसके साथ ही अपने घरों के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें ताकि इस बीमारी के दायरे से सामुदायिक स्तर पर सभी लोग दूर रह सकें. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए रहन- सहन में बदलाव के साथ- साथ साफ- सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. दरअसल, डेंगू व चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं. इस कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में भी काफी परेशानी होती है. इसलिए बीमारी का लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराने के लिए नजदीकी अस्पताल जायें.

लक्षण दिखते ही करें यह काम

वैक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार धुसिया ने बताया कि डेंगू का लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत इसकी जांच करानी चाहिए और जांच रिपोर्ट के अनुसार ही इस बीमारी का इलाज कराना चाहिए ताकि उन्हें बाद में बड़ी से बड़ी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े और समय पर इलाज भी संभव हो सके. उन्होंने बताया कि इन बीमारियों के बेहतर इलाज के लिए जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में व्यवस्था उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि एडिस मच्छर स्थिर साफ पानी में पनपता है. इसलिए घर सहित अपने आसपास में जलजमाव की स्थिति पैदा नहीं होने दें. जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करें.

सभी जरूरी दवाएं चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध

सिविल सर्जन डॉ अमृत किशोर ने बताया कि शरीर में असनीय दर्द व तेज बुखार डेंगू के सामान्य लक्षणों में से एक है ऐसे किसी भी लक्षण दिखने पर नजदीकी अस्पताल में डेंगू की जांच कराना जरूरी है. डेंगू के इलाज के लिये सभी जरूरी दवाएं चिकित्सा संस्थानों को उपलब्ध करा दिया गया है. सीएस द्वारा बताया गया कि जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों को अलर्ट किया गया है. चिकित्सा पदाधिकारी को अपने स्तर से डेंगू के मामलों पर नजर बनाये रखने को कहा गया है. इससे संबंधित मामलों की नियमित समीक्षा की जा रही है.

डेंगू के लक्षण

– तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा ऑखों के पीछे दर्द होना .

– त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान .- नाक, मसूढ़े से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना.

– काला पैखाना होना .

क्या है बचाव के उपाय

– दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

– पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का उपयोग करें.

– टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें .- जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें .

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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