जमुई. जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के सिंगारपुर गांव के रहने वाले मंटू गुप्ता ने पारंपरिक खेती को छोड़कर आम की नर्सरी तैयार की है. उन्होंने एक या दो नहीं, बल्कि आम के करीब साढ़े चार लाख पौधे अपने घर पर तैयार कर लिए हैं. इतना ही नहीं इनके पास करीब 80 से अधिक वैरायटी के आम के पौधे उपलब्ध हैं. आप भी यह पढ़कर हैरान हो रहे होंगे, लेकिन करीब डेढ़ दशक की मेहनत के बाद मंटू गुप्ता ने अपने घर पर यह नर्सरी तैयार की है. दरअसल, मंटू गुप्ता पहले अपने घर पर ही फूलों की नर्सरी चलाते हैं और देसी के साथ विदेशी फूलों की कई नस्ल भी तैयार करते हैं, लेकिन अब इन्होंने अपने फूलों की नर्सरी के साथ ही अपने घर के समीप आम के पौधे की नर्सरी तैयार की है. जिसमें उन्होंने करीब साढ़े चार लाख आम के पौधे तैयार किए हैं.
जानिए क्यों तैयार किये हैं आम के यह पौधे
दरअसल, बिहार के जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के सिंगारपुर के रहने वाले कनिष्क कुमार उर्फ मंटू गुप्ता ने अपने घर पर आम के ये पौधे तैयार किए हैं. दरअसल मंटू पेशे से एक नर्सरी संचालक हैं और उन्होंने अपने घर पर साढ़े चार लाख आम के पौधे तैयार किए हैं. जिसकी वह बिक्री करते हैं. उनके पास अलग-अलग नस्ल के कई सारे पौधे उपलब्ध हैं. मंटू गुप्ता के पास मियांजाकी से लेकर मालदह, स्वर्ण रेखा, हापुस, दशहरी, लंगड़ा, चौसा, तोतापरी, बंबइया, केसर, आम्रपाली, मालदा, सिंधुरी, नीलम, मालगोबा, सफेदा, फजली, सुर्नोलिका, बैंगनपल्ली, हिमसागर, रसपुरी, इमाम पासंद, नूरी सहित करीब 80 अलग-अलग वैरायटी के आम के पौधे हैं. इन आम के पौधों की कीमत 50 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक है. इनके पास एक दर्जन से अधिक विदेशी नस्ल के आम के पौधे भी हैं. मंटू गुप्ता बताते हैं कि वो पूरा दिन अपने नर्सरी में लगे रहते हैं और पिछले 10 सालों की लगातार मेहनत के बाद अपने इस नर्सरी को तैयार किया है.
नर्सरी की यह बात है सबसे खास
मंटू गुप्ता ने बताया कि उनके नर्सरी की सबसे खास बात यह है कि वह अपने आम के पौधों को न सिर्फ तैयार करते हैं, बल्कि उसे बेचते भी हैं और उसकी होम डिलिवरी भी करवाते हैं. अगर आप जमुई जिले के रहने वाले हैं. तब आप मंटू गुप्ता के पास जाकर आम के पौधे खरीद सकते हैं. अगर आप उनके पास जाने में सक्षम नहीं है तो वह आपके घर तक आम के पौधों की डिलिवरी करवा देंगे. इतना ही नहीं बिहार के लखीसराय, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, पटना, मुंगेर, बांका जैसे जिलों के अलावा झारखंड के गिरीडीह, दुमका, देवघर इत्यादि जिलों में भी इनके द्वारा आम के पौधों की सप्लाई की जाती है. मंटू ने बताया कि वह पहले एक नर्सरी में हेल्पर का काम करते थे. फिर उन्हें लगा कि उन्हें खुद की नर्सरी खोलनी चाहिए और वह चले आए. इसके बाद उन्होंने सबौर जाकर नर्सरी की ट्रेनिंग ली और अब अपने घर पर नर्सरी चला रहे हैं.
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