गिद्धौर. प्रखंड क्षेत्र में लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने ग्रामीण क्षेत्रों में कहर बरपा दिया है. इस भीषण बारिश के कारण जहां एक ओर उलाय, आंजन, कटहरा और बरनार जैसी नदियां उफान पर हैं. वहीं कई पंचायतों में किसानों की कृषि योग्य भूमि पूरी तरह जलमग्न हो गयी है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौरा पंचायत अंतर्गत बंधौरा गांव में सिंचाई के लिए बनाए गए आहार का तटबंध बारिश के पानी के दबाव में टूट गया, जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल पानी में डूब गयी. स्थानीय किसान सुरेंद्र रावत, रवि कुमार, महेंद्र रावत, किस्टो रावत, दीना सिंह, प्रभाकर रावत, चंद्रिका रावत, नेपाली मंडल, दीनानाथ मंडल, चंदन रावत ने बताया कि वर्षों बाद इतनी बड़ी तबाही देखी गयी है. इससे भारी फसल नुकसान की आशंका है. पतसंडा पंचायत के गुड़ियापुर गांव में उलाय नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है और कोल्हुआ पंचायत की कसरौटी बहियार तथा रतनपुर पंचायत के बानाडीह क्षेत्र की भूमि भी पूरी तरह डूब चुकी है. बारिश से जुड़ी इस आपदा ने यातायात व्यवस्था को भी चरमरा दिया है. गिद्धौर-जमुई मुख्य मार्ग से सेवा-सरसा को जोड़ने वाली ग्रामीण पीसीसी सड़क बारिश की तेज धार में कटकर बह गयी है. इससे ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. स्थानीय ग्रामीणों में हरि पासवान, उपेंद्र भगत, संजीव कुमार, विश्वनाथ रावत, विनोद मोदी, रंजीत मोदी, सुबोध भगत व गुलाबी भगत ने बताया कि खेत-खलिहान डूब गये हैं और सड़क बहने से रोजमर्रा की ज़िंदगी ठहर गयी है. लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. लोग प्रशासन से शीघ्र स्थल निरीक्षण कर उचित कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. :
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है