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निलंबन के बाद भी आंकड़ों में नहीं बदले सिमुलतला आवासीय विद्यालय के प्राचार्य

एक साल पहले जिस प्राचार्य का निलंबन हो गया था, लेकिन विभागीय आंकड़ों में आज तक वही प्रचार्य अपनी जगह बनाये हुए हैं.

जमुई. एक साल पहले जिस प्राचार्य का निलंबन हो गया था, लेकिन विभागीय आंकड़ों में आज तक वही प्रचार्य अपनी जगह बनाये हुए हैं. मामला सिमुलतला आवासीय विद्यालय से जुड़ा है. शिक्षा विभाग ने जब पत्र जारी किया तब इस मामले का खुलासा हुआ है. गौरतलब है कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय के प्राचार्य रहे राजीव रंजन का निलंबन करीब एक वर्ष पहले कर दिया गया था. शिक्षा विभाग ने पहले प्राचार्य के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी किया और बाद में उन्हें निलंबित कर दिया था. हैरानी की बात यह है कि जमुई शिक्षा विभाग की नजर में आज तक राजीव रंजन ही सिमुलतला आवासीय विद्यालय के प्राचार्य बने हुए हैं.

विभाग के पत्र से हुआ खुलासा

जिला शिक्षा पदाधिकारी के 17 जून को जारी पत्र में कहा गया था कि जिले के 368 शिक्षकों को 24 घंटे के भीतर ई-शिक्षा कोष एप पर अपने डाटा में वर्ग कोटी एवं विषय की प्रविष्टि करनी थी. इसके साथ ही 6 पन्नों की एक सूची भी संलग्न की गयी थी. इसमें कुल 368 शिक्षकों के नाम शामिल थे. शिक्षा विभाग के जारी पत्र में सिमुलतला आवासीय विद्यालय के भी 14 शिक्षकों का नाम शामिल था. इसमें एक नाम राजीव रंजन का था, जिन्हें शिक्षा विभाग की तरफ से सिमुलतला आवासीय विद्यालय का प्राचार्य बताया गया था. जबकि सुनील कुमार को उप प्राचार्य बताया गया था.

एक साल पहले ही हुआ था प्राचार्य का निलंबन

आपको बता दें कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय के प्राचार्य राजीव रंजन को बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने वित्तीय अनियमितता को लेकर निलंबित कर दिया था. पिछले साल अप्रैल महीने में ही शिक्षा विभाग की तरफ से राजीव रंजन को निलंबित किया गया था. शिक्षा विभाग के निदेशक (माध्यमिक) कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने निलंबन का पत्र जारी किया था. सरकार ने वित्तीय अनीता को लेकर पहले राजीव रंजन के खिलाफ स्पष्टीकरण का नोटिस जारी किया था और बाद में उन्हें निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के दौरान राजीव रंजन भागलपुर में शिक्षा विभाग के आरडीडीई के कार्यालय में तैनात हैं तथा विद्यालय के वाइस प्रिंसिपल सुनील कुमार को विद्यालय का प्राचार्य बनाया गया था. अभी भी विद्यालय के प्राचार्य के रूप में सुनील कुमार ही कार्यरत हैं. लेकिन शिक्षा विभाग की नजर में आज तक ना तो सुनील कुमार कभी प्राचार्य बने हैं, और ना ही राजीव रंजन कभी निलंबित हुए हैं. बल्कि राजीव रंजन को आज भी शिक्षा विभाग प्राचार्य मानता है, और इसे लेकर ही पत्र जारी किया गया है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी से नहीं पायी बात

इस पूरे मामले को लेकर जब जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार से उनका पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, तब उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसे लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के दूरभाष संख्या 8544411368 पर कई मर्तबा फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा. ऐसे में शिक्षा विभाग की इस बड़ी लापरवाही पर कई सारे सवाल उठने लगे हैं.

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