पीएम श्री उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुगुलडीह का मामला, प्रधानाध्यापक ने रोकी भुगतान की प्रक्रिया
बरहट. सरकारी स्कूलों की मरम्मत और सौंदर्यीकरण को लेकर शिक्षा विभाग भले ही करोड़ों खर्च कर रहा हो, लेकिन जमीनी स्तर पर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. ताजा मामला बरहट प्रखंड अंतर्गत पीएम श्री उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुगुलडीह का है, जहां एक साल पहले लगभग पांच लाख रुपये की लागत से बनी 350 फीट लंबी चहारदीवारी पहली ही बारिश में धराशायी हो गयी. स्थानीय ग्रामीणों और विद्यालय प्रबंधन की मानें तो निर्माण कार्य में जमकर अनियमितता बरती गयी थी. ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के दौरान ठेकेदार ने मजबूत पिलर नहीं बनाया और निम्न गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे दीवार पहली बारिश भी नहीं झेल सकी और भरभराकर गिर पड़ी. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते निर्माण कार्य की निगरानी की गयी होती, तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. ग्रामीणों ने संबंधित संवेदक पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, चहारदीवारी गिरने के कारण विद्यालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.गुणवत्ता पर शुरू से ही था संदेह
विद्यालय के प्रधानाध्यापक सत्यनारायण कुर्मी ने बताया कि चहारदीवारी का निर्माण शिक्षा विभाग के टेंडर के माध्यम से कराया गया. उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने निर्माण कार्य का आधा भुगतान पहले ही ले लिया था, लेकिन कार्य अधूरा रहने और गुणवत्ता पर संदेह के कारण उन्होंने शेष भुगतान के लिए हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. इस संबंध में विभाग को पत्राचार भी किया गया है.
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