झाझा. शहर को सैंकड़ों गांव से जोड़ने वाली बरमसिया पुल पर प्रशासन द्वारा पुल के दोनों तरफ खड़ी की गयी दीवार को ग्रामीणों ने तोड़ दिया. अब उक्त पुल पर पैदल के अलावा दो पहिया वाहन धड़ल्ले से चल रही है. ह्यूम पाइप गिरा देने के बावजूद भी वैकल्पिक व्यवस्था शुरू नहीं होने से एक बार फिर से बरमसिया पुल पर खतरा बढ़ गया है. कभी भी कोई बड़ी हादसा हो सकती है. ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. शहर से कई तरह का काम पड़ता है. छात्र-छात्राओं से लेकर रोजगार करने वाले लोगों को कई तरह की समस्याएं हो रही थी. इस कारण लोग परेशान है. बताते चले बीते 19 जुलाई की शाम को लगातार बारिश होते रहने के कारण उलाय नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया था. इस कारण पुल पर दरार आ गयी थी. 20 जुलाई को प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए पुल के दोनों तरफ पांच फीट धारी दीवार खड़ी कर आवागमन को पूरी तरह से बाधित कर दी गयी थी, लेकिन एक सप्ताह से ऊपर बीत जाने के बावजूद वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट गया और दीवार तोड़कर फिर से आवागमन शुरू कर दिया. बहरहाल फिर से एक बार क्षतिग्रस्त पुल पर खतरा बढ़ गया है. वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर सर्वदलीय नेताओं ने प्रदर्शन भी किया व प्रशासन से जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की थी. बावजूद इसके अब तक कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
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