खैरा. जेपी सेनानियों ने बुधवार को काला दिवस के रूप में मनाया. जेपी सेनानियों ने बताया कि 1975 के कार्यकाल में इंदिरा गांधी ने सत्ता को बचाने के लिए आपातकाल की घोषणा कर आम आवाम के मौलिक अधिकार को भी छीन लिया था और लोग मानो मानो मूक बन गये थे. मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष शिवनंदन सिंह ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के माथे पर एक काला धब्बा है. 25 जून 1975 को लगाये गये आपातकाल ने संविधान, न्यायपालिका, प्रेस और आम नागरिकों की आजादी को बंधक बना लिया था. यह दिन हमें याद दिलाता है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सिर्फ अधिकार नहीं, बल्कि सतर्कता और संघर्ष भी जरूरी है. हमें यह संकल्प लेना होगा कि देश में दोबारा कभी ऐसा दौर न लौटे, जहां सत्ता के अहंकार में जनता की आवाज को कुचल दिया जाए. मौके पर जेपी सेनानी सिया राम मंडल, सत्येंद्र सिंह भूषण सहित कई लोग मौजूद थे.
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