जमुई. आधार कार्ड की अनिवार्यता इतनी है कि उसके बगैर कई तरह के जरूरी काम से लोग वंचित रह जाते हैं, लेकिन जरा सोचिए किसी ने अपना आधार कार्ड बनवाया. उस आधार कार्ड को लेकर अपना काम करवाने पहुंचे, लेकिन पता चले कि उसके आधार कार्ड पर पहले से ही किसी और ने अपना काम करा लिया है. मामला जमुई में सामने आया है. जहां एक छात्रा जब अपने आधार कार्ड से पीडीएस की दुकान पर राशन लेने गयी, तब पता चला कि उसके आधार कार्ड से किसी और ने राशन उठा लिया है. मामला सदर प्रखंड क्षेत्र के प्रतापपुर का है. जहां रहने वाले मो जुल्फिकार की बेटी राहत परवीन के नाम से जारी आधार में गजब गड़बड़ी देखने को मिली है. राहत परवीन को जो आधार नंबर मिला है, वह पहले से ही किसी और राहत परवीन को जारी किया जा चुका है. ऐसे में पहली राहत परवीन को तो योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन मो जुल्फिकार की पुत्री राहत परवीन को योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है.
नीमा की रहने वाली है दूसरी राहत परवीन
मो जुल्फिकार ने बताया कि मैं अपनी बेटी राहत परवीन के नाम पर राशन लेने सरकारी दुकान पर गया था. डीलर ने मुझे बताया कि उनकी बेटी के नाम का राशन तो नीमा मोहल्ले की राहत परवीन उठा रही हैं. नीमारंग की राहत परवीन के पिता का नाम आलमगीर है. इन दोनों राहत परवीन को जो आधार कार्ड मिले हैं, उन पर एक समान नंबर दर्ज है. यानी राहत परवीन नाम की अलग-अलग दो लड़कियां हैं, जिनकी जन्मतिथि भी एक है, वे अलग-अलग जगह की रहने वाली हैं और उनके पिता भी अलग-अलग हैं, लेकिन आधार नंबर एक ही है. इस स्थिति में नीमा मोहल्ले के रहने वाले आलमगीर की बेटी राहत परवीन को आधार से जुड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन मो जुल्फिकार की बेटी राहत परवीन को कोई भी लाभ नहीं मिल रहा. यहां तक कि उसे स्कूल में नामांकन में भी परेशानी हो रही है, जिससे वह बेहद परेशान है.छह महीने से आधार नंबर बदलवाने के लिए हो रहे हैं परेशान
मो जुल्फिकार ने बताया कि वे अपनी बेटी राहत परवीन के आधार कार्ड का नंबर बदलवाने के लिए बीते छह महीने से प्रखंड कार्यालय और आधार सेंटर के चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. अब वह लोक अदालत जा रहे हैं. यहां भी तारीख पर तारीख पड़ रहे हैं, पर कोई समाधान नहीं निकल पाया है. इस गड़बड़ी के चलते उनकी बेटी का स्कूल में एडमिशन नहीं हो रहा है, छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है और राशन भी नहीं मिल पा रहा है. उनका आधार कार्ड आठ साल पहले बना था. जुल्फिकार ने अपने बेटी का आधार नंबर बदलवाने की मांग की हैडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है