Bihar News: बिहार के जहानाबाद में स्थित सिविल कोर्ट ने सोमवार को अरवल से भाकपा माले के विधायक महानंद सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. विधायक को 24 साल पुराने एक मामले में कोर्ट में पेशी के दौरान एसडीजेएम मनीष कुमार की अदालत ने मंडल कारा काको भेजने का आदेश सुनाया.
कोर्ट के इस निर्णय के बाद पूरे न्यायालय परिसर में अफरातफरी की स्थिति बन गई. पुलिस ने विधायक को तुरंत हिरासत में लेते हुए उन्हें सदर अस्पताल ले जाकर कोविड जांच कराई और फिर नियमानुसार उन्हें जेल भेज दिया गया.
क्या था मामला
बताया जा रहा है कि वर्ष 2001 में भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के खिलाफ बिहार भर में चक्का जाम का ऐलान किया गया था. उसी क्रम में महानंद सिंह जहानाबाद में सड़क जाम आंदोलन में शामिल थे. इसी मामले में जहानाबाद थाना में उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था.
पुलिस की चार्जशीट के बावजूद विधायक ने दो दशक से अधिक समय तक कोर्ट में पेशी नहीं दी. इसी वजह से अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था और उनके खिलाफ लाल वारंट भी जारी किया गया था.
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विधायकी पर संकट
अब जब वे कोर्ट में उपस्थित हुए तो न्यायालय ने सख्त रवैया अपनाते हुए उन्हें सीधे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. मामले की अगली सुनवाई बुधवार को निर्धारित है, जिसमें उनकी ओर से जमानत याचिका दाखिल की जा सकती है.
विधायक की गिरफ्तारी के बाद से समर्थक काफी निराश हैं. विधायक महानंद सिंह ने कोर्ट की कार्रवाई को विधिसम्मत प्रक्रिया बताया. अब उनकी विधायकी पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
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