खगड़िया. सहरसा से खगड़िया के रास्ते सियालदह तक वंदे भारत ट्रेन परिचालन की घोषणा की गयी है. पूर्वोत्तर बिहार रेल उपभोक्ता संघर्ष समिति के केंद्रीय संयोजक सुभाष चंद्र जोशी ने कहा कि सरायगढ़ से सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, क्यूल, हाथीदह के रास्ते सियालदह व हावड़ा तक वंदे भारत ट्रेन का परिचालन किये जाने की घोषणा की गयी है. श्री जोशी ने कहा कि सहरसा से जमालपुर, सहरसा से राजगीर, सहरसा अथवा सरायगढ़ से पाटलीपुत्रा के बीच एवं सहरसा से खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, बांका के रास्ते देवघर के बीच एक-एक जोड़ी ट्रेनों का परिचालन स्थायी रूप से किया जाय. उन्होंने कहा कि जमालपुर से हावड़ा के बीच चलाई जा रही 13071/72 को जमालपुर से दुमका के रास्ते हावड़ा के बीच चलाई जा रही है. ट्रेन संख्या 13015/16 का परिचालन मार्ग का विस्तार करते हुए सहरसा से चलाया जाय. साथ ही सरायगढ़ से सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय के रास्ते हाथीदह अपर, कियुल, जसीडीह, आसनसोल, दुर्गापूर, वर्धमान के रास्ते हावड़ा अथवा सियालदह के बीच वंदे भारत ट्रेन के बदले अमृत भारत अथवा नमो भारत ट्रेन का परिचालन किया जाय. दिवंगत पद्मश्री रामविलास पासवान तत्कालीन रेल मंत्री ने 1998 में अत्यंत ही पिछड़ा प्रदेश बिहार के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेइ के कार्यकाल में 652 करोड़ की लागत से बनाने का निर्णय किया गया. तत पश्चात पुल के निर्माण की लागत बढ़कर 900 करोड़ रुपये हो गयी. पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होते-होते इसकी लागत 3800 करोड़ रुपये हो गयी. वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने मालगाड़ी चलाकर इसका उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि उद्घाटन के 9 वर्ष बीत चुके हैं. इस रेल मार्ग पर एक भी स्थाई ट्रेन नहीं चलाई गई है. एक ट्रेन का दो फेरा जमालपुर से तिलरथ के बीच एवं दो फेरा जमालपुर से खगड़िया/मानसी के बीच चलाई जा रही है. जो आम यात्रियों के लिए काफी कष्टप्रद है.
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