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सूखे बालू की जगह गीली मिट्टी से ठेकेदार भर रहे थे जियो बैग, सांसद के निरीक्षण में खुली पोल

सूखे बालू की जगह गीली मिट्टी से ठेकेदार भर रहे थे जियो बैग, सांसद के निरीक्षण में खुली पोल

खगड़िया. सूखे बालू की जगह गीली मिट्टी से ठेकेदार जियो बैग भर रहे थे. सांसद द्वारा किये गये निरीक्षण में ठेकेदार के कारनामे की पोल खुल गयी. सांसद ने बताया कि ठेकेदार साइट के पास ही अवैध खनन करवा रहे थे. अधिकारी और ठेकेदार के गठजोड़ से कटावरोधी कार्य लूट हो रही थी. बीते सात वर्षों से जिले में जमे जेई को विभाग ने तबादला नहीं किया है. प्रोन्नति के बाद भी जिला जल संसाधन विभाग ही ठिकाना बना रहा. जिले के जल संसाधन विभाग में कटावरोधी कार्य के नाम पर भारी लूट मची हुई है. सरकार के करोड़ों खर्च करने के बाद भी लोगों को बेघर होना पर रहा है. कटावरोधी कार्य में सरकार द्वारा तय मानक का उल्लंघन किया जा रहा है. सूखे बालू की जगह गीली मिट्टी से जियो बैग भरकर कटाव वाले स्थान पर डाला जा रहा है. ठेकेदार द्वारा कटाव वाले स्थान पर ही अवैध खनन कर गीली मिट्टी निकाल कर किया जा रहा था. खुलासा सांसद राजेश वर्मा ने निरीक्षण के बाद हुई. सांसद ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता के साथ निरोधक कार्य का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान गड़बड़ी को लेकर सांसद ने जल संसाधन विभाग के मंत्री को हो रहे भ्रष्टाचार से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि कटावरोधी कार्य में काफी लूट मची हुई है.

रोहियार बंगलिया में कटावरोधी कार्य में पाया गया गड़बड़ी

चौथम प्रखंड के रोहियार बंगलिया में कटावरोधी कार्य का निरीक्षण किया गया. संवेदक द्वारा सफेद बालू की जगह गीली मिट्टी से जियो बैग को भर कर कटाव वाले स्थान पर डाला जा रहा था,जबकि सफेद बालू दूसरे स्थान से लाकर जियो बैग में भर कर कार्यस्थल पर देने का प्रावधान है. जियो बैग की जगह सीमेंट की बोरी का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी जगह पर 150 मीटर से ज्यादा में बल्ला पाइलिंग का कार्य पूर्ण बताया गया था. लेकिन स्थलीय जांच के बाद पता चला कि कार्य आधा भी पूरा नहीं हुआ है. बेलदौर प्रखंड के तेलिहार में कोशी नदी से हो रहे कटावरोधी कार्य का भी निरीक्षण किया. वहां भी काफी अनियमितता मिली. सफेद बालू की जगह अवैध खनन कर गीली मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है. मापी किये जाने पर पाया गया कि जियो बैग का वजन 110 किलो से 120 किलो तक ही था.

अधिकारी व कार्य एजेंसी की मिलीभगत से काली कमाई

कटावरोधी कार्य को अधिकारी और एजेंसी का सिंडिकेट मिलकर काली और अवैध कमाई का बड़ा साधन बना दिया है. निरीक्षण में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता भी साथ चल रहे थे. उन्होंने एजेंसी द्वारा गलत और मानक के अनुरूप कार्य नहीं किए जाने की बात को सहजता के साथ स्वीकार किया. सांसद ने जेई के पोस्टिंग पर उठाए सवाल. जांच के लिए पत्र लिखने की बात कही गयी.

सात वर्षों से जमे हैं जेई

बताया जाता है कि जेई मणिकांत पटेल (जल संसाधन विभाग 2) खगड़िया में लगभग सात वर्षों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं. इसकी जांच की जाए कि विभाग ने इनका अब तक तबादला क्यों नहीं किया. जेई शेखर गुप्ता( वर्तमान एसडीओ – जल संसाधन विभाग – 2) पिछले सात वर्षों से खगड़िया में जमे हुए हैं. इनको विभाग में एसडीओ के पद पर प्रोन्नति मिली. जिसके बाद विभाग को इनका जिला तबादला करना चाहिए था. लेकिन इनकी प्रतिनियुक्ति फिर से उसी विभाग में उसी जगह एसडीओ के पद पर कर दी गयी. विभाग ने किस स्थिति में इनका जिला तबादला नहीं किया.

भुगतान पर रोक लगाते हुए साइट की जांच की उठायी मांग

सांसद ने सभी कार्य एजेंसी के द्वारा तय मानक पर कार्य नहीं करने के लिए भुगतान पर रोक लगाने के लिए पत्र लिखा गया. इसके अलावा राज्यस्तरीय इंजीनियरों की टीम से सभी कार्य की जांच कराए जाने की मांग की. उन्होंने पत्र में लिखा है कि जब तक इस प्रकरण की जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक एजेंसी के भुगतान पर रोक लगा कर रखा जाए. अगर एजेंसी पर दोष सिद्ध हो जाता है तो उसका नाम काली सूची में दर्ज कराया जाए और दोषी अधिकारी पर प्रपत्र क गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई करवाना सुनिश्चित करना चाहिए. ताकि सरकार की छवि को धूमिल होने से बचाया जा सके.

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