खगड़िया. जिलाधिकारी नवीन कुमार ने गुरुवार को सदर प्रखंड परिसर स्थित आरटीपीएस काउंटर का निरीक्षण किया. इस दौरान आरटीपीएस काउंटर के इर्द-गिर्द घूम रहे सात संदिग्ध लोगों को पकड़कर मोबाइल जब्त कर लिया. सातों लोगों को चित्रगुप्त नगर पुलिस ने बांड भरकर छोड़ा. इस दौरान डीएम ने सदर बीडीओ को फटकार लगायी. शुक्रवार को आरटीपीएस काउंटर पर भीड़ नहीं थी. बिचौलियों का जमावड़ा नहीं था. प्रखंड परिसर में तैनात गार्ड द्वारा दलालों को भगाया जा रहा था. आरटीपीएस के कर्मियों को हिदायत दी जा रही थी. इसके कारण पूरा परिसर में सन्नाटा पसरा रहा. ब्लॉक पहुंचे लोगों द्वारा कहा गया कि समय समय पर डीएम का इसी तहर निरीक्षण होना चाहिए. ताकि आमलोगों को सुविधा मिल सके. मालूम हो कि लोगों ने डीएम से शिकायत किया था कि काउंटर पर आवेदन देकर महिनों बाद प्रमाण पत्र मिलता है. लेकिन, दलाल को पांच सौ रुपये देने पर हाथों हाथ प्रमाण पत्र मिल जाता है. खासकर , बिचौलिया महिलाओं के प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिक टारगेट करता है, जिसमें वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्र के लिए 24 घंटे में देने के एवज में 300 रुपया से 12 सौ रुपया तक का अवैध वसूली की जाती है. इस तरह की शिकायत के बाद डीएम ने आरटीपीएस काउंटर पर तैनात कर्मी का जेब चेक कराया गया था. इस दौरान डीएम ने कहा कि प्रखंड परिसर में आरटीपीएस काउंटर व अन्य कार्यालय के पास अनावश्यक भीड़ नहीं रहना चाहिए. डीएम ने उपस्थित कर्मियों को चेतावनी देते हुए कहा कि आमलोगों को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होना चाहिए. डीएम ने आरटीपीएस काउंटर से गायब एक कर्मी से स्पष्टीकरण पूछने का आदेश बीडीओ को दिया. डीएम ने बीडीओ को कहा कि आरटीपीएस काउंटर के कर्मियों को कहीं भी प्रतिनियुक्त नहीं की जायेगी. काउंटर पर अनावश्यक भीड़ लगी तो कार्रवाई की जायेगी. इसके बाद डीएम चातर घरारी में चल रहे उपस्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया. ड्यूटी पर तैनात नर्स को पांच बजे तक केंद्र को खुला रखने का आदेश दिया. रजिस्ट्रर में दर्ज मरीजों के मोबाइल नंबर से डीएम ने मरीजों को फोन कर इलाज की जानकारी ली. मौके पर डीडीसी अभिषेक पलासिया, सामाजिक सुरक्षा कोषांग के निदेशक शशिप्रिया, डीसीएलआर आलोक कुमार, वरीय उपसमाहर्ता कौशिकी, जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी अनिल तिवारी आदि मौजूद थे. इससे पहले डीएम विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत मृत एवं स्थानांतरित मतदाताओं के सत्यापन कार्य की जिलाधिकारी द्वारा व्यापक समीक्षा की. उन्होंने जेल रोड सहित अन्य जगहों पर मतदाताओं से संवाद स्थापित कर सत्यापन किया.
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