चौथम. एक ऐसे शिक्षक जिन्होंने फरकिया क्षेत्र के एक स्कूल की तस्वीर ही नहीं छात्र एवं छात्राओं के तकदीर बदल रहे हैं. फरकिया नाम से मशहूर खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड का एक गांव है सोनवर्षा, जहां सोनवर्षा गांव जाने के लिए आज तक कोई सीधी सड़क नहीं बन पाई है. यहां तक जाने के लिए आज भी नाव का सहारा लेना पड़ता है. यह वह गांव है जहां पहले बात बात में गोलियां चल जाती थी, लेकिन समय बदला, लोग बदले, पहले स्कूल जहां खंडहर जैसा दिखता था और पढ़ाई ना के बराबर होती थी, आज स्कूल की तस्वीर बदली हुई है. अब यहां के छात्र – छात्राएं पढ़ने के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं. काफी सजाया हुआ स्कूल आपको नजर आएगा. शिक्षक भी काफी अच्छे अच्छे स्कूल में हैं. जो काफी अच्छे तरीके से बच्चों को पढ़ाते हैं. चलिए अब बात कर लेते हैं शिक्षक बालकृष्ण कुमार की. चौथम पंचायत अंतर्गत नवादा गांव निवासी शिक्षक बालकृष्ण कुमार जहां पोस्टेड रहे. उस स्कूल की तस्वीर ही नहीं तकदीर भी बदल देने का हुनर रखते हैं. बता दें कि सोनवर्षा गांव में अवस्थित है मध्य विद्यालय सोनवर्षा. यहां के हेडमास्टर बालकृष्ण कुमार सहित शिक्षक रोजाना नाव से बागमती नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं. इस दौरान लगभग डेढ़ किलोमीटर में बालू पर पैदल चलना भी पड़ता है. इसके बावजूद हेडमास्टर सहित शिक्षक मिलकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं. स्कूल भवन का निर्माण किया गया है. सुबह सुबह रोजाना बच्चों को एक्सरसाइज कराया जाता है. रूटिंग के हिसाब से पढ़ाई हो रही है. स्कूल परिसर में गार्डन लगा हुआ है. इधर हेडमास्टर बालकृष्ण कुमार ने कहा कि उनका प्रयास रहता है कि जो ड्यूटी मिली है. उसका सही से सदुपयोग कर सके.
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