टीबी की पहचान होते ही मरीज के खाते में जायेगी 3000 रुपये
खगड़िया. राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब किसी भी व्यक्ति को टीबी रोग होने पर उसे पोषाहार के लिए प्रति माह 1000 रुपये दिये जायेंगे. पहले टीबी के मरीजों को पोषाहार के लिए प्रति महीने 500 रुपये दिये जाते थे. किसी मरीज में टीबी रोग की पहचान होने के साथ ही मरीज के खाते में पोषण राशि की तीन किश्त एक बार एक साथ भेज दी जायेगी. राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के नये गाइडलाइन के अनुसार टीबी मरीज के नोटिफाइड होते ही उनके बैंक खाते में प्रति महीने 1000 रुपये के हिसाब से तीन महीने की 3000 रुपये की एडवांस राशि भेजी जायेगी. इस राशि का इस्तेमाल टीबी मरीज अपने पोषण से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकेंगे. उपचार प्रारंभ होने के 84 दिनों के बाद दूसरी किश्त के रूप में फिर से 3000 रुपये भेजी जायेगी. यह प्रावधान 2025 से ही किया गया है. इससे टीबी के मरीजों को बहुत राहत मिलने की उम्मीद है.निजी अस्पताल और चिकित्सकों को भी मिलेगी प्रोत्साहन राशि
नये गाइडलाइन के मुताबिक अब टीबी चैंपियन स्पुटम कैरियर का भी काम कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी. टीबी चैंपियन स्पुटम कैरियर के रूप में मरीज का बलगम जरूरी जांच के लिए नजदीकी प्राथमिक अथवा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचाने का काम करेंगे. जिसके लिए उन्हें 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. प्राथमिक अथवा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला टीबी सेंटर तक बलगम पहुंचाने पर 400 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. इसके लिए टीवी चैंपियंस को स्पुटम कैरियर के रूप में काम करने के आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वास्थ्य विभाग प्रोत्साहित कर रही है. राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत निजी चिकित्सक, अस्पताल एवं क्लिनिक द्वारा यक्ष्मा रोगियों का नोटिफिकेशन एवं उपचार कर सक्सेसफुल आउटकम रिपोर्ट देने पर उन्हें नोटिफिकेशन के लिए 500 रुपये एवं उपचार के अंत में आउटकम रिपोर्ट देने पर 500 रुपये प्रति मरीज की दर से भुगतान होगा, पहले निजी चिकित्सकों को इस तरह की प्रोत्साहन राशि भुगतान करने का प्रावधान नहीं था.अब एक बार में ही मिलेगी तीन माह की राशि
गोगरी अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रप्रकाश ने बताया कि टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन एवं उपचार प्रारंभ होने पर उसके बैंक अकाउंट में अग्रिम राशि के रूप में प्रति माह 1000 रुपये के हिसाब से 3000 रुपये जमा करा दिया जायेगा.जब तक दवा चलेगी, तब तक मिलेगा यह लाभ
टीबी मरीज को जब तक टीबी की दवा दी जाएगी. तब तक उसे पोषाहार की राशि भी दी जायेगी. साधारण स्थिति में मरीज को 6 महीने दवा का कोर्स दिया जाता है. ज्यादातर नए टीबी मरीज इस कोर्स के बाद ठीक हो जाते है. लेकिन कुछ मामलों में दवा का यह कोर्स बढ़ना पड़ता है. खासकर जब टीवी मरीज को दवा से रेजिस्टेंस हो जाए या मरीज दवा बीच में छोड़ दें और फिर दूसरी बार उसका इलाज शुरू करना पड़े, तो मरीज को 9 महीने या कभी-कभी 18 महीने तक दवा खानी पड़ती है. यदि मरीज का उपचार 6 माह से अधिक चलता है तो फिर 1000 रुपये प्रति माह के हिसाब से उनके पोषाहार की राशि मरीज के खाते में भेजी जायेगी.कहते हैं जिला यक्ष्मा पदाधिकारी
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. विद्ययानंद सिंह ने बताया कि यक्ष्मा पीड़ित मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है. इसके अलावे मरीजों को पोषाहार के लिए प्रति महीने 1000 रुपये उनके खाते में दिये जाते हैं. मरीजों को प्रोत्साहित करने वाली लोगों को भी प्रोत्साहन राशि दिया जाता है.
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