प्रधानाध्यापकों से रुपये वसूली किये जाने का सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहा वायरल
…………..सिविल सर्जन के नाक के नीचे अस्पताल में तैनात गार्ड वसूली करा रहा था डॉक्टर के लिए रुपये
…………..गार्ड ने बताया वसूली किये गये रुपये में फिटनेस देने वाले चिकित्सक के साथ सभी लोगों की होती थी हिस्सेदारी
खगड़िया. सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा फिटनेस सटिर्फिकेट देने के एवज में रुपये की वसूली की जाती है. मंगलवार को फिटनेस सटिर्फिकेट देने के एवज में वसूली किये जा रहे रुपये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि फिटनेस सटिर्फिकेट के एवज में रुपये की वसूली करने वाले गार्ड को कंपनी ने हटा दिया है. बताया जाता है कि शिक्षा विभाग द्वारा प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति करने से पहले मेडिकल फिटनेस सटिर्फिकेट की मांग की गयी है. मंगलवार को सदर अस्पताल में मेडिकल फिटनेस सटिर्फिकेट बनाने के लिए शिक्षकों की भीड़ लगी रही. इसी दौरान सदर अस्पताल में तैनात फिजिशियन चिकित्सक कक्ष के बाहर प्रभास एंड इलाइट ज्वाइंट वैंचर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अस्पताल की सुरक्षा में तैनात गार्ड द्वारा शिक्षकों से पांच-पांच सौ रुपये की वसूली की जा रही थी. प्रधानाध्यापकों को फिटनेस प्रमाण पत्र देने के एवज में लगभग 2.5 लाख रुपये की वसूली की गयी है. बताया जाता है कि सदर अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्ड को वसूली के लिए मोहरा बनाया गया था. गार्ड को वसूली के एवज में मात्र 50 रुपये दिया जाता था.वसूली का वीडियो किसी ने कैमरे में कर लिया था कैद
रिश्वत लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रभास एंड इलाइट ज्वाइंट वैंचर प्राइवेट लिमिटेड के अरुण कुमार ने वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को पत्र लिखकर कहा कि रिश्वत लेने वाले तैनात सुरक्षाकर्मी को तत्काल प्रभाव कार्य से मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने डीएस से कहा कि एक अत्यंत गंभीर व निंदनीय घटना संज्ञान में आया है. अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मी मो. नसरुद्दीन को कुछ व्यक्तियों (शिक्षक) से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया. इस घटना का स्पष्ट वीडियो उपलब्ध है. जो इस कृत्य की पुष्टि करता है. कहा कि सुरक्षाकर्मी का यह व्यवहार अत्यंत आपत्तिजनक, अनैतिक व सेवा नियमों का घोर उल्लंघन है. इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल अस्पताल की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, बल्कि इससे पूरे सुरक्षा प्रबंधन एवं संस्था की छवि पर भी गंभीर आंच आती है.
496 प्रधान शिक्षकों का बनाया जाएगा मेडिकल फिटनेस
बताया जाता है कि प्रधानाध्यापक पद पर चयनित 496 शिक्षकों को मेडिकल फिटनेस सटिर्फिकेट बनाना है. इसी को लेकर मंगलवार को सदर अस्पताल में शिक्षकों की भीड़ लग गयी. सुरक्षाकर्मी की माने तो सदर अस्पताल में तैनात एक फिजिशियन चिकित्सक द्वारा शिक्षक से सटिर्फिकेट बनाने के एवज में रुपये वसूली करने का आदेश दिया गया था. सुरक्षा कर्मी ने बताया कि चिकित्सक द्वारा कहा गया कि प्रति शिक्षक पांच रुपये तक वसूली करना है. बताया कि 40 शिक्षकों से सटिर्फिकेट बनाने के नाम पर वसूली की गयी थी. लेकिन, किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.
डीएम के फटकार के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा वसूली
सदर अस्पताल में कर्मियों की कारनामे के कारण जिलाधिकारी नवीन कुमार द्वारा निरीक्षण के दौरान फटकार लगाया गया था. इसके बावजूद सदर अस्पताल में वसूली थमने का नाम नहीं ले रहा है. बताया जाता है कि सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में प्रतिदिन लगभग 50 हजार रुपये की वसूली की जाती है. हालांकि प्रसव कक्ष में की गयी वसूली की रुपये ने ऊपर तक हिस्सेदारी लगायी जाती है. यहीं कारण है प्रसव कक्ष में ड्यूटी के लिए बोली लगाई जाती है. सर्वाधिक रुपये देने वाले कर्मियों को प्रसव कक्ष में ड्यूटी लगाई जाती है. जिन्हें ड्यूटी नहीं मिलता है. वे कई आरोप लगाते हैं. नाम नहीं छापने के शर्त पर नर्स ने बताया कि पांच नर्स को प्रशिक्षण देकर प्रमोशन मिला है. लेकिन उन्हें प्रसव कक्ष में ड्यूटी नहीं दी जाती है.
इंज्यूरी रिपोर्ट में की जाती है रुपये की वसूली
सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम से लेकर इंज्यूरी रिपोर्ट देने तक रुपये की वसूली की जाती है. बताया जाता है कि इंज्यूरी रिपोर्ट देने के एवज में रुपये की वसूली की जाती है. मौत होने पर पोस्टमार्टम कक्ष के समीप रुपये की वसूली की जाती है. अस्पताल में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर दो रुपये के बदले पांच से दस रुपये की वसूली की जाती है.कहते हैं सदर अस्पताल के प्रबंधक
सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रणव कुमार ने बताया कि फिटनेस सटिर्फिकेट देने के एवज में रुपये लेने का कोई प्रावधान नहीं है. गार्ड द्वारा रुपये वसूली किये जाने का वीडियो वायरल होने की शिकायत मिली थी. शिकायत मिलते कंपनी द्वारा अविलंब हटा दिया गया.
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