परबत्ता. बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के साथ संचालक द्वारा खेल किया जा रहा है. युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए प्रखंड मुख्यालय में कौशल विकास केंद्र की स्थापना की गयी थी, लेकिन संचालक संस्था द्वारा परबत्ता के कौशल विकास केंद्र को बंद कर दिया गया. बीते छह महीने से केंद्र पर ताला लटका हुआ है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की इस दुर्दशा को दुरुस्त करने के लिए कोई ठोस पहल होता हुआ नहीं दिख रहा है. प्रशिक्षण के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए श्रम संसाधन विभाग द्वारा जिला नियोजन पदाधिकारी को इसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. लेकिन जिला नियोजन पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता है.
बंद दरवाजे का फोटो खींचकर लौट जाते हैं जिला कौशल प्रबंधक
कौशल विकास केंद्रों का सतत संचालन व गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग द्वारा गठित बिहार कौशल विकास मिशन द्वारा महीने में कम से कम दो बार निरीक्षण की व्यवस्था की गयी है. इसके लिए जिला कौशल प्रबंधक को नियुक्त किया गया है. लेकिन बीते छह महीनों से जिला कौशल प्रबंधक को इस केंद्र के बंद दरवाजे का फोटो खींचकर बिना निरीक्षण किये बैरंग लौटना पड़ रहा है. बताया जाता है कि 02 मई 2017 को इस केंद्र में प्रशिक्षण आरंभ किया गया था.केंद्र पर काम करने वाले कर्मियों को संस्था नहीं देता है मानदेय
केंद्र के संचालन के लिए जिम्मेदार गैर सरकारी संस्था आर्यावर्त सेवा आश्रम ने केंद्र पर कार्यरत कर्मियों को मानदेय देना बंद कर दिया था, जिसमें कर्मियों को नियुक्त किया जाता और कुछ महीने काम करने के बाद मानदेय मांगने पर उन्हें निकाल दिया जाता है. परबत्ता स्थित केंद्र पर अब तक तीन दर्जन कर्मियों ने काम किया. महीनों काम करने के बाद मानदेय नहीं मिलने पर काम छोड़ कर कर्मी भाग गया, जिसमें से डेढ़ दर्जन पूर्व कर्मियों ने नोडल पदाधिकारी के समक्ष अपना मानदेय लेने के लिए नोडल पदाधिकारी के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराया है. उनमें से 10 कर्मियों ने अपनी शिकायतों का समाधान नहीं होने के बाद लोक शिकायत निवारण के तहत परिवाद दर्ज कराया है. परिवादों की सुनवाई अलग अलग स्तर पर चल रही है. बताया जाता है कि आर्यावर्त सेवा आश्रम द्वारा नवंबर 2023 में तनमन कुमार को केंद्र का समन्वयक बनाया गया. तनमन कुमार ने मेहनत और लगन से इस सेंटर को नवंबर 2024 तक चलाया.केंद्र समन्वयक ने लाखों रुपये किया निवेश
बताया जाता है कि केंद्र समन्वयक द्वारा केंद्र चलाने के लिए लाखों रुपये निवेश किया, लेकिन अपने हिस्से की राशि मांगने पर संस्था द्वारा टालमटोल किया जाने लगा. थक हारकर तनमन कुमार ने सेंटर में ताला बंद कर दिया.मिशन के निदेशक को परबत्ता केंद्र का आवंटन रद्द करने की अनुशंसा
जिला कौशल प्रबंधक दीपक कुमार ने बताया कि सेंटर को खोलकर सुचारु संचालन के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन केंद्र संचालन के लिए अधिकृत एजेंसी की निष्क्रियता तथा उदासीनता के कारण संचालन नहीं हो पा रहा है. कौशल विकास केंद्र परबत्ता के संचालक की उदासीनता से त्रस्त होकर केंद्र का आवंटन रद्द करने की अनुशंसा मिशन निदेशक को भेज दी गई है. बताते चलें कि जिले में स्थापित 22 कौशल विकास केंद्र में से पांच केंद्रों के संचालन का अधिकार एक ही व्यक्ति के विभिन्न संस्थाओं को दिया गया है.B
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