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मालगाड़ी के इंजन पर रील्स बना रहे दो किशोर झुलसे, एक की हालत गंभीर

घटना अलौली थाना क्षेत्र के कामाथान रेलवे स्टेशन की

घटना अलौली थाना क्षेत्र के कामाथान रेलवे स्टेशन की खगड़िया. अलौली-खगड़िया रेलखंड पर कामाथान स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी के इंजन पर चढ़कर रील्स बना रहे दो किशोर हाइटेंशन तार की चपेट में आ गये. जिसमें एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया. जबकि दूसरा किशोर मामूली रूप से जख्मी हुआ है. जख्मी का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है. थाना क्षेत्र के ईचरूआ पंचायत के वार्ड संख्या 13 निवासी मित्रजीत यादव के 16 वर्षीय पुत्र प्रियांशु कुमार व प्रवीण यादव के 15 वर्षीय पुत्र कृष्णा कुमार कामाथान स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी के इंजन पर चढ़कर रील्स बना रहे थे. इसी दौरान दोनों युवक हाइटेंशन तार की चपेट में आ गये. जिसमें प्रियांशु कुमार गंभीर रूप से जख्मी हो गया. जबकि कृष्णा कुमार मामूली रूप से जख्मी है. युवक को करंट लगते ही जोरदार आवाज किया. आवाज को सुनते ही स्थानीय लोग दौड़कर रेल इंजन के समीप पहुंचे, जहां दो किशोर पटरी के समीप जख्मी हालत में गिरे हुए थे. इचरूआ के हितेश पटेल ने जख्मी को सीएचसी अलौली में भर्ती कराया. ड्यूटी पर तैनात डॉ अमित कुमार ने जख्मी किशोर का प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. जख्मी किशोर का इलाज सदर अस्पताल किया जा रहा है.

फेसबुक व इंस्टाग्राम पर फेमस होने की सनक युवा दुर्घटनाओं को दे रहे आहट

सेल्फी व रील्स की संस्कृति तेजी से एक सनक का रूप लेती जा रही है. जिसमें युवा अपनी जान तक गंवाने को बयाकुल हैं. ऐसे शौक रखने वाले युवा संभावित हादसों से अंजान रहते हैं और काल की गाल में समा जाते हैं या हादसा के शिकार हो जाते हैं. खासकर, सेल्फी लेने व रील्स बनाने का शौक किशोर, किशोरी,युवा व युवती के सिर चढ़ कर बोल रहा है. सेल्फी लेने व रील्स बनाने के बाद तुरंत फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपलोड करते हैं, फिर उस पर आने वाले लाइक्स, कॉमेंट्स, व्यूज का इंतजार करने लगते हैं. एक वर्ष पूर्व मानसी थाना क्षेत्र के धमारा घाट स्थित रेलवे ट्रेक पर रील्स बनाने के चक्कर में एक युवक की जान गयी थी. इसके अलावे परबत्ता थाना में एक युवक की नदी में तैरने के दौरान डूबकर मौत हुई थी. बताया जाता है कि युवाओं रील्स भूत इस तरह चढ़कर बोल रही है कि अवैध हथियार से बीडीओ बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं. हालांकि पुलिस ऐसे युवाओं को कानूनी कार्रवाई कर जेल भी भेज रही है. यह घटना सभ्य समाज के लिए एक तरह से चिंता का विषय बन गया है.

सर्वाजनिक जगहों पर अश्लील गीत पर रील्स बनाने पर लोगों को होती है शर्मींदगी

प्राध्यापक डॉ महेश्वर मिश्र ने बताया कि सड़क,नदी, पार्क, मॉल, मंदिर, पुल, पुलिया, स्कूल, कॉलेज, रेलवे स्टेशन आदि सार्वजनिक जगहों पर रील्स बनाते युवक व युवती दिख जाएंगे. बताया कि रील्स बनाने वाले खुद तो बेसुध होकर बनाते ही हैं, आस-पास किसी की प्राइवेसी का ख्याल नहीं रखते हैं. रील्स बीडीओ बनाते देख बुजूर्ग, महिलाएं शर्मींदगी महसूस करती है. वो भी अश्लील व फुहड़ गीत पर बीडीओ बनाने से आस-पास के बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है. रील्स बीडीओ बनाने वाले में छोटे बच्चों से लेकर 25 साल तक के युवक युवती दिख जाएंगे. जिसमें मनोरंजन से ज्यादा फेमस हो जाने की ललक है और उसके लिए वो किसी भी हद तक जा रहे हैं. किसी भी हद तक का मतलब मौत को भी गले लगाने को बयाकुल हो जाते हैं.

कहते हैं मनोवैज्ञानिक

कोसी कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग के एचओडी सह प्राध्यापक डॉ महेश्वर मिश्र ने बताया कि डिजिटल युग में बच्चों से लेकर युवाओं के बीच मोबाइल का क्रेज बढ़ गया है. जरूरत से ज्यादा समय तक मोबाइल देखने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. युवाओं को जरूरत से ज्यादा मोबाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए.

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