-नयागांव रिंग बांध सुदृढ़ीकरण पर लग सकता है ग्रहण, ग्रामीणों में आक्रोश
–रिंग बांध के किनारे लगे सैकड़ों पेड़ पौधा को विभाग ने काट कर किया नष्ट, बांध हुआ कमजोरपरबत्ता. बाढ़ नियंत्रण विभाग के सुस्त रवैए के कारण नयागांव रिंग बांध का सुदृढ़ीकरण पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. बीते शनिवार की देर शाम जिलाधिकारी नवीन कुमार ने नयागांव रिंग बांध का निरीक्षण किया. डीएम ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को रिंग बांध सुदृढ़ीकरण के लिए कई निर्देश दिए. बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता राजीव भगत ने बताया कि नयागांव रिंग बांध का सुदृढ़ीकरण कार्य चल रहा है. रिंग बांध पर विभाग की पैनी नजर है. मालूम हो कि बीते 27 जून को नयागांव रिंग बांध का मरम्मत कार्य प्रारंभ किया गया था और कुछ ही दिन बाद गंगा की जलस्तर में वृद्धि होने से पानी का फैलाव शुरू हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि जल संसाधन विभाग बाढ़ नियंत्रण द्वारा मरम्मत कार्य करने के दौरान रिंग बांध से सटे पेड़-पौधे को काट दिया गया. जबकि पेड़-पौधे रिंग बांध को मजबूती प्रदान कर रहा था. ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग बाढ़ नियंत्रण पर आरोप लगाया कि यदि रिंग बांध टूटा तो सारा जवाबदेही विभाग का होगा. क्योंकि मरम्मत कार्य के दौरान कई प्रकार की अनियमितता बरती गयी. जिसके कारण रिंग बांध मजबूत के बजाय वह कमजोर हो गया है. समय रहते हुए बांध का मरम्मत कार्य विभाग द्वारा नहीं किया गया.
समय पर रिंग बांध का नहीं किया गया मरम्मती, ग्रामीणों में आक्रोश
रिंग बांध का मरम्मती कार्य समय पर पूरा नहीं किया गया. जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. ग्रामीणों को डर सता रहा है कि कहीं रिंग बांध टूट गया तो पूरा खगड़िया त्राहिमाम हो जाएगा. इधर गंगा की जलस्तर बढ़ने से पानी का फैलाव तेजी से दियारा इलाके हो रहा है. साथ ही नयागांव रिंग बांध पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है. रिंग बांध पर गेबियन (जियो बेग) का जो कार्य हुआ था. वह पानी में डूब चुका है. पूर्व जिला परिषद सदस्य शैलेन्द्र कुमार शैलेश ने कहा कि नयागांव रिंग बांध गोढियासी से लेकर वीरपुर ढाला तक की लंबाई लगभग दो किलोमीटर है. जलसंसाधन विभाग बाढ़ नियंत्रण द्वारा नयागांव रिंग बांध का समय रहते सुदृढ़ीकरण नहीं किया. जब बरसात एवं बाढ़ का समय आया तब विभाग की नींद खुली और कार्य शुरू किया.बांध किनारे सैकड़ों पेड़ काटकर किया नष्ट
बताया जाता है कि नयागांव रिंग बांध को मरम्मती प्रदान करने वाले सैकड़ों पेड़ को काटकर नष्ट कर दिया गया. कटे पेड़ को सुरक्षित स्थानों पर न रखकर बांध किनारे में ही छोड़ दिया. जिसके कारण सभी कटा हुआ पेड़ पानी में बह गया. पेड़ पर्यावरण के साथ-साथ रिंग बांध की सुरक्षा भी प्रदान कर रहा था. जल संसाधन बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा इन पेड़ों को हिटाची एवं जेसीबी से उखाड़ कर क्षतिग्रस्त कर छोड़ दिया गया. इसी पेड़ को आमजन क्षतिग्रस्त करता तो वन विभाग के तरफ से उनके ऊपर सुसंगत धारा में मुकदमा दर्ज हो सकता था. आखिर जल संसाधन बाढ़ नियंत्रण विभाग के ऊपर वन विभाग की मेहरबानी क्यों. बाढ़ नियंत्रण कार्यपालक अभियंता राजीव भगत ने बताया कि रिंग बांध किनारे झाड़ी को साफ किया गया. ग्रामीणों की माने तो सैकड़ों की संख्या में पेड़ को उखाड़ कर किनारे में छोड़ दिया, जो पानी के तेज बहाव में बह गया.
वर्ष 2024 में चक्रवाती तूफान में गंगा की लहरें से बांध हुआ था क्षतिग्रस्त
बीते 24 सितंबर 2024 की देर रात बंगाल में उठीं चक्रवाती तूफान का असर खगड़िया जिले में देखने को मिला था. बाढ की त्रासदी झेल रहे परबत्ता प्रखंड के आधे दर्जन पंचायत के लोग सहित परबत्ता प्रखंड के लोग इस चक्रवाती तूफान से रात भर सहमे थे. रात 1 बजकर 40 मिनट में इसका असर परबत्ता प्रखंड में देखने को मिला. जहां उफनती गंगा नदी में उठीं लहरें ने तट बंध को काफी नुकसान पहुंचाया. नयागांव रिंग बांध पर, अकहा- मथुरापुर, चकप्रयाग- लगार बांध एवं गोगरी नारायणपुर बांध पर नदी के ढेहू बांध से टकराता रहा. नयागांव रिंग बांध का काफी नुकसान हुआ. कई जगह रिंग बांध में कटाव की स्थित काफी गंभीर हो गई थी. रात में गंगा नदी में लंबी लंबी लहरें को देखकर ऐसा लग रहा था कि रिंग बांध गंगा में समा जाएगी. लेकिन धीरे धीरे हवा की गति कम हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है