किशनगंज. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा संचालित सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम के तहत जिले में 29वें बैच का प्रारंभ किया गया. इस अवसर पर किशनगंज, दिघलबैंक, कोचाधामन, पोठिया, टेढ़ागाछ एवं ठाकुरगंज प्रखंडों से आए कुल 38 प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण पूर्व अर्हता जांच (प्रि-क्वालिफाइंग टेस्ट) में भाग लिया. जां में कुल 31 प्रशिक्षु सफल घोषित किए गये. सफल प्रशिक्षु नौ दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण में भाग लेंगे. यह कार्यक्रम बच्चों में डूबने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. मास्टर ट्रेनर्स के रूप में प्रशिक्षित प्रतिभागी आगे चलकर अपने-अपने क्षेत्रों में बच्चों को सुरक्षित तैराकी का प्रशिक्षण देंगे, जिससे मानसून और बाढ़ के दौरान डूबने से होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकेगी. कार्यक्रम के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय अंतर्देशीय नौवहन संस्थान द्वारा आयोजित पौधरोपण पहल में भी सक्रिय सहभागिता रही, जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी जागरूकता परिलक्षित हुई. जिला पदाधिकारी ने बताया कि डूबने से मृत्यु दर को कम करना प्रशासन की प्राथमिकता है. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए सुरक्षित शनिवार जैसे जन-जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के सहयोग से बाढ़ से पूर्व मॉकड्रिल एवं बचाव अभ्यास का भी आयोजन किया जा रहा है. यह पहल न केवल जीवन रक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बच्चों एवं समुदाय में आपदा से निपटने की क्षमता और जागरूकता को भी सुदृढ़ करती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है