किशनगंज.
बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ के बैनर तले बुधवार को आशा कार्यकर्ताओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोठिया में एक दिवसीय धरना दिया. आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर के प्रयास से संस्थागत प्रसव, जन्म मृत्यु दर, मातृ शिशु मृत्यु दर, टीकाकरण कार्य में प्रगति हुई है. इसके अतिरिक्त केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय कार्यों के संचालन में भी आशा दीदियों की अहम भूमिका रहती है. मांग की है कि आशा एवं आशा फैसिलिटेटर का पांच माह का बकाया प्रोत्साहन राशि का अभिलंब भुगतान किया जाय. आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी सेवक घोषित किया जाय. जबतक सरकारी सेवक घोषित नहीं किया जाता है. तबतक न्यूनतम मजदूरी छब्बीस हजार रूपये दिया जाय. वेलनेस सेंटर पर कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को प्रति माह देय एक हजार की राशि का भुगतान अभिलंब कराया जाय. बिहार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सह उपमुख्यमंत्री द्वारा घोषित आशा कर्मियों को एक हजार रुपये पारितोषिक के बजाय दो हजार पांच सौ का भुगतान किया जाय. बताया गया कि यदि पच्चीस सौ की राशि को लागू नही किया गया तो राज्य की तमाम आशा कार्यकर्ता आगामी अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है