ठाकुरगंज. विभिन्न श्रम संघठनों के द्वारा बुधवार को आहूत राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय हड़ताल के दौरान बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ ने ठाकुरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर धरना देकर अपनी मांगों को रखा. बिहार राज्य आशा एवं आशा फेसिलेटर संघ की जिला महामंत्री पिंकी झा ने बताया कि राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी रूप में आशा एवं आशा फैसिलिटेटर के द्वारा लगातार प्रयास किए जाने के कारण संस्थागत प्रसव, जन्म मृत्यु दर, मातृ शिशु मृत्यु दर, टीकाकरण कार्य में काफी प्रगति हुई है. संघ के द्वारा 14 सूत्री मांगों को रखा गया है, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व के समझौते को लागू करने, श्रम सम्मेलनों एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुशंसा के आलोक में आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी सेवा घोषित कर उसे नियमित किया जाये. जबतक सरकारी सेवक घोषित नहीं किया जाता है. तबतक न्यूनतम वैधानिक मजदूरी 26 हजार रुपये दिये जाने, आशा कार्यकर्ताओं को बकाया प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाय, वेलनेस सेंटर पर उन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपये भुगतान किया जाये. आठवीं पास आशा दीदियों को आयुष्मान कार्ड बनाने तथा पारिवारिक सर्वे भव्या पोर्टल पर काम करने जैसा कठिन कार्यों से अविलंब हटाया जाए. पारितोषिक राशि, बकाया यात्रा भत्ता का भुगतान किया जाये. अश्विन पोर्टल से भुगतान होने से पूर्व का सभी बकाया भुगतान किया जाये. कोरोना काल के ड्यूटी के लिए आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को 10 हजार कोरोना काल का भुगतान करने, आशा फैसिलिटेटर को 21 दिन के जगह पूरे माह का भ्रमण भत्ता 500 की दर से भुगतान करने, समेत जनवरी 2019 में समझौते के अनुरूप मुकदमे की वापसी एवं अन्य समझौते को शीघ्र लागू करने जैसे मांगों को रखा गया है.
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